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________________ 242...प्रायश्चित्त विधि का शास्त्रीय पर्यवेक्षण याज्ञवल्क्यस्मृतिकार (3/206) के अनुसार 'प्रायः पापं विनिर्दिष्टं चित्तं तस्य विशोधनम्' यहाँ प्राय: का अर्थ है पाप और चित्त का अर्थ है शोधन या शुद्धिकरण है। उक्त अर्थों से स्पष्ट होता है कि यदि कोई अपराध या दोष हो जाये तो उसका निवारण करने वाली विधि प्रायश्चित्त कही जाती है। इस परम्परा में प्रायश्चित्त स्वीकार के रूप में निम्न साधन बतलाये गये हैं। यहाँ साधन का अभिप्राय है सम्यक् उपाय, जिन्हें अपनाने से व्यक्ति दोष मुक्त बन जाता है। उन साधनों के नाम इस प्रकार हैं 1. अनुताप (पश्चात्ताप) 2. प्राणायाम 3. तप 4. होम 5. जप 6. दान 7. व्रत 8. तीर्थयात्रा 9. भिक्षाशुद्धि और 10. वेद स्वाध्याय। जहाँ तक दोषों या अपराधों का सवाल है वहाँ वैदिक साहित्य में हिंसा, झूठ, चोरी, निषिद्ध सम्भोग, सुरापान, जन्म अशुचि, मृतक अशुचि आदि प्रवृत्तियों को दोषयुक्त माना है। जहाँ तक प्रायश्चित्त के स्वरूप का प्रश्न है वहाँ श्रति-स्मृतिकारों ने एक ही प्रकार के पाप के लिए भिन्न-भिन्न प्रायश्चित्तों का वर्णन किया है। यहाँ विस्तारभय से केवल दोषों का ही नामोल्लेख करेंगे, ताकि यह स्पष्ट हो जाये कि हिन्दू धर्म में अमुक-अमुक प्रकार के कृत्यों को पापरूप एवं प्रायश्चित्त योग्य माना गया है। यदि विभागीकरण के आधार पर कहा जाए तो___1. वैदिक धर्म में हत्या करने पर प्रायश्चित्त विधान है। इसमें ब्रह्महत्या, गुरु की हत्या, भ्रूण की हत्या, क्षत्रिय की हत्या, वैश्य की हत्या, शूद्र की हत्या, नारी की हत्या, जीव हत्या, गौ हत्या, शिल्पी एवं कारीगर की हत्या, नपुंसक की हत्या करने पर भिन्न-भिन्न प्रायश्चित्त दिया जाता है। 2. वैदिक शास्त्रों में सुरापान करने पर प्रायश्चित्त विधान है। इसमें पैष्टी सुरा का जलपान, मलमूत्र या मद्य से स्पृष्ट अन्नादि रस का पान, अज्ञान में किसी भी प्रकार का मद्यपान, सुरा के बर्तन में जलपान करना इत्यादि दोषों का अन्तर्भाव होता है तथा इन सभी दोषों में पृथक्-पृथक् प्रायश्चित्त दिये जाते हैं। 3. यहाँ स्तेय एवं निषिद्ध सम्भोग कर्म में प्रायश्चित्त विधान बतलाया गया है।
SR No.006247
Book TitlePrayaschitt Vidhi Ka Shastriya Sarvekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages340
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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