SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 148
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 82...प्रायश्चित्त विधि का शास्त्रीय पर्यवेक्षण आचार्य जिनप्रभसूरि ने स्थानांगसूत्र में वर्णित 8 गुणों को ही आलोचना के लिए अनिवार्य माना है।37 ___ आचार्य वर्धमानसूरि के अनुसार प्रायश्चित्त के अनुज्ञापक गुरु निम्नोक्त गुणों से सम्पन्न होने चाहिए संपूर्णश्रुतपाठज्ञो, गीतार्थः पूर्णयोगकृत् ।। व्याख्याता सर्वशास्त्राणां, षट्त्रिंशद्गुणसंयुतः ।।1।। शान्तो जितेन्द्रियो धीमान्, धीरो रोगादिवर्जितः। अनिन्दकः क्षमाधारी, ध्याता जितपरिश्रमः ।।2।। तत्त्वार्थविद्धारणावान्, नृपरङ्कसमाशयः । वारंवारं श्रुतं दृष्ट्वा , विवक्षुर्वचनं शुभम् ।।3।। अनालस्यः सदाचारः, क्रियावान्कपटोज्झितः । ___ हास्यभीतिजुगुप्साभिः, शोकेन च विवर्जितः ।।4।। प्रमाणं कृतपापस्य, जानन्श्रुतमतिक्रमैः । इत्यादिगुणसंयुक्तः, प्रायश्चित्ते गुरुः स्मृतः ।।5।। सकल शास्त्रों का अध्ययन किया हुआ हो, गीतार्थ हो, सम्पूर्ण योग किए हुए हो, सर्व शास्त्रों का व्याख्याता हो, छत्तीस गुणों से युक्त हो, शान्त हो, जितेन्द्रिय हो, बुद्धिमान हो, धीर हो, आरोग्यवान हो, अनिन्दक हो, क्षमाशील हो, ध्याता हो, जित परिश्रमी हो, तत्त्व के अर्थ को सम्यक् प्रकार से समझकर धारण करने वाला हो, समदृष्टि युक्त हो, सदैव श्रुत के आधार पर शुभ वचन बोलने वाला हो, अप्रमत्त हो, सदाचारी हो, क्रियावान हो, निष्कपट हो, हास्यभय-जुगुप्सा एवं शोक से रहित हो, किये गये पापों के परिणाम को मति एवं श्रुतज्ञान के द्वारा जानने वाला हो- इन गुणों से युक्त गुरु ही प्रायश्चित्त दान के योग्य होते हैं।38 ____उक्त वर्णन से ज्ञात होता है कि श्वेताम्बर आचार्यों ने आलोचना योग्य गुरु में जिन गुणों का होना आवश्यक माना है, उनमें लगभग समानता है। दिगम्बर ग्रन्थों में इस संबंधी वर्णन पढ़ने में नहीं आया है। 3. आलोचना किस क्रम से करें? पंचाशकप्रकरण आदि के अनुसार आलोचना दो क्रम से की जाती हैआसेवना क्रम और विकट क्रम। जिस क्रम से दोषों का सेवन किया हो उसी क्रम
SR No.006247
Book TitlePrayaschitt Vidhi Ka Shastriya Sarvekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages340
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy