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________________ भारतीय परम्पराओं में प्रचलित व्रतों (तपों) का सामान्य स्वरूप... 209 सम्बन्धित हैं और उनमें भगवान के रूप में यीशु का स्मरण एवं उनके उपदेशों का श्रवण आदि किया जाता है। इन पर्व दिनों में कायिक स्थिरता, प्रभु समर्पण, स्वदोष अवलोकन, बाईबिल का पाठ आदि कृत्य जैन धर्म में मान्य बाह्य एवं आभ्यन्तर तपों के प्रकार - काय क्लेश, विनय, प्रायश्चित्त, ध्यान आदि से सादृश्य रखते हैं। इस प्रकार अप्रकट रूप से मसीही धर्म में आज भी तप का स्वरूप जीवन्त है। मुस्लिम धर्म में व्रतोत्सव भारत विभिन्न धर्मों तथा संस्कृतियों वाला देश है । इस देश में अनेक धर्मसम्प्रदायों के लोग अपनी-अपनी परम्पराओं के अनुसार उत्सव तथा पर्व मनाते हैं। इनमें मुस्लिम समुदाय वर्ष भर में अनेक पर्व मनाता है, जिनसे उनकी सामाजिक तथा धार्मिक भावनाओं का प्रकटीकरण होता है। मुहर्रम, रमजान, ईद-उल-फ़ितर, ईद-उल-जुहा, शब-ए-बरात, बारावफ़ात आदि ऐसे ही अनेक उत्सव हैं जिनसे उनकी धार्मिक, सामाजिक तथा वैचारिक जीवन शैली साफसाफ परिलक्षित होती है मुहर्रम - मुहर्रम मुस्लिम कैलेण्डर का पहला महीना है । यह मुस्लिमों और उनमें भी विशेष रूप से शिया सम्प्रदाय के लोगों के लिए अपने शोक - उद्गार का पर्व है। सऊदी अरब में मक्का में कर्बला की दुःखान्त घटना की याद में यह पर्व मनाया जाता है, जिसमें अल्लाह के देवदूत मोहम्मद साहब की पुत्री फ़ातिमा के दूसरे बेटे इमाम हुसैन का निर्दयता पूर्वक कत्ल कर दिया गया था । मुस्लिम समुदाय इस महीने के दस दिन हज़रत इमाम हुसैन की शहादत की यादगार में तथा उनके प्रति शोक प्रकट करने में व्यतीत करता है । यज़ीद की सेना के विरुद्ध जंग करते हुए इमाम हुसैन के पिता हज़रत अली का सम्पूर्ण परिवार मौत के घाट उतार दिया गया था और मुहर्रम के दसवें दिन इमाम हुसैन भी इस युद्ध में शहीद हो गये थे। इसी दुःखद घटना के शोक में यह पर्व भारतवर्ष ही नहीं, अपितु अन्य कई देशों में भी बड़े ही आकर्षक रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर देश के तमाम शहरों तथा कस्बों में विविध रंग-रूपों वाले ताज़िये निकाले जाते हैं। लकड़ी, बाँस तथा चाँदी से निर्मित और कीमती धातुओं तथा रंग-बिरंगे कागजों से सुसज्जित ये ताज़िये हज़रत इमाम हुसैन के मक़बरे के प्रतीक के रूप में माने
SR No.006246
Book TitleTap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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