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________________ महापरिष्ठापनिका (अंतिम संस्कार) विधि सम्बन्धी नियम...379 तथा इसके अभाव में संयम विराधना की संभावना रहती है। 3. पश्चिम दिशा में परिष्ठापन करने से उपकरणों का अलाभ होता है। 4. आग्नेय कोण में प्रतिस्थापन करने से स्वाध्याय का अभाव होता है। 5. वायव्य कोण में परिष्ठापन करने से साधुओं में एवं गृहस्थों में परस्पर तूं तूं मैं-मैं होती है और कलह बढ़ता है। 6. पूर्व दिशा में परिष्ठापन करने से निश्चित रूप से गण भेद एवं गच्छ भेद होता है। 7. उत्तर दिशा में परिष्ठापन करने से रोग बढ़ता है। 8. ईशान कोण में परिष्ठापन करने से कोई अन्य साधु निकट समय में मृत्यु को प्राप्त होता है। अतएव जहाँ तक सम्भव हो उत्तर-उत्तर की अपेक्षा पूर्व-पूर्व क्रम वाली दिशाओं का ही निरीक्षण करना चाहिए। इन दिशाओं का विभाजन उपाश्रय अथवा गली से करना चाहिए, क्योंकि छोटे गांव में दिशाओं का निर्धारण आसानी से होता है जबकि बड़े नगर अथवा बड़े गांव में दिशाओं का विभाग करना कठिन है। व्यवहारभाष्य में शव परिष्ठापन योग्य भूमि निरीक्षण के बारे में यह निर्देश भी दिया गया है कि किसी गाँव में सभी क्षेत्र भूमियाँ विभक्त हो गई हों. तो उनकी सीमा में शव परिष्ठापन की अनुमति नहीं मिलती है। अनुमति न मिलने पर राजभय से उस गाँव के भोजिक प्रधान से अनुमति मांगें। उसके निषेध करने पर आयुक्त को पूछे। उसके द्वारा भी अनुमति न मिले तो राजपथ पर अथवा दो गाँवों की सीमा के मध्य में शव का परिष्ठापन करें। यहाँ राजपथ पर शव परिष्ठापन करने का जो सूचन किया गया है वह औचित्यपूर्ण प्रतीत नहीं होता, क्योंकि राजपथ पर मृत देह का प्रतिस्थापन करने से शासनहीनता, राजा द्वारा नगरस्थ साधुओं को दण्डित करना, जन साधारण द्वारा जैन संघ को असभ्य कहना आदि अनेक दोषों की संभावना हो सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि गांव की सीमा में अथवा दो गांवों के मध्य कोई भी योग्य स्थान न मिले तो श्मशान भूमि में शव का परिष्ठापन कर दें। वहाँ यदि श्मशान रक्षक रोके तो अनाथ मृतकों के स्थान पर उसे प्रतिस्थापित कर दें। यदि ऐसे स्थान का अभाव हो तो श्मशान रक्षक को धर्मकथा आदि से प्रभावित
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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