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________________ स्थंडिल गमन सम्बन्धी विधि-नियम...351 2. संयति-साध्वी के आपात (गमनागमन) वाली भूमि। 3. संयत-संयति के आपातवाली स्थंडिल भूमि भी दो प्रकार की प्रज्ञप्त है___ 1. संविज्ञ- यथाविधि साधु सामाचारी के पालक साधु-साध्वी के आपात (आवागमन) वाली भूमि। 2. असंविज्ञ- शिथिलाचारी साधु-साध्वी के आपात (आवागमन) वाली भूमि। 4. संविज्ञ साधु भी दो प्रकार के होते हैं- 1. मनोज्ञ - समान सामाचारी वाले साधु। 2. अमनोज्ञ-भिन्न सामाचारी वाले साध। 5. असंविज्ञ साधु भी दो तरह के वर्णित हैं-1. संविज्ञ पाक्षिक-स्वयं के दोषों को देखने वाले तथा विशुद्ध सामाचारी की प्ररुपणा करने वाले। 2. असंविज्ञ पाक्षिक-चारित्रनिष्ठ साधुओं की निन्दा करने वाले। इस तरह स्वपक्ष वाले लोगों के आवागमन वाली स्थंडिल भूमि कई प्रकार की होती है। आपात परपक्ष युक्त स्थंडिल भूमि जहाँ परपक्ष वाले (सर्वविरति चारित्र का पालन न करने वाले गृहस्थ) लोगों का आवागमन हो, वह आपात स्थंडिल भूमि मुख्यतः दो प्रकार की कही गई है-1. मनुष्य के आपात (आवागमन) वाली और 2. तिर्यञ्च जीवों के आपात (आवागमन) वाली।' पूर्वोक्त दोनों ही स्थंडिल भूमि तीन-तीन भेदवाली हैं-1. पुरुष के आवागमन वाली भूमि 2. नपुंसक के आवागमन वाली भूमि 3. स्त्री के आवागमन वाली भूमि। 1. मनुष्य के आपात (गमनागमन) वाली भूमि पुरुष आपात वाली स्थंडिल भूमि• पुरुष तीन प्रकार के होते हैं-1. राजकुल से सम्बन्धित, 2. सेठ-साहूकार और 2. सामान्य जन। • उक्त तीनों प्रकार के पुरुष शौचवादी और अशौचवादी के भेद से दो-दो प्रकार के हैं-इस तरह पुरुष के गमनागमन वाली स्थंडिल भूमि छह प्रकार की होती है।
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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