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274... जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन
सन्दर्भ - सूची
1. शय्यतेऽस्यामिति शय्या - वसतिः, सैव संस्तारकः शय्यासंस्तारकः।
बृहत्कल्पभाष्य, 2924, 4368 की टीका । 2. सिज्जा संथारो वा, परिसाडी अपरिसाडि मो होइ । .....नीहारिमो अणीहारिमो, य इति एस संबंधो |
3. रक्खण गहणे तु महा, सेज्जाकप्पो य होइ दुविहो उ ..... ।
6. आचारचूला, मुनि सौभाग्यमल जी, 2/3/9
7. व्यवहारसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 8/2-4
4.
व्यवहारभाष्य, 3414
5. सव्वंगिया उ सेज्जा, बेहत्थद्धं च होंति संथारो अह संथडा व सेज्जा......।
निशीथभाष्य, 1217
8. बृहत्कल्पसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 3/19 9. वही, संपा. मधुकरमुनि, पृ. 184
10. व्यवहारसूत्र, 8/10-12
11. निशीथसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 2/50-51
12. (क) वही, 2/53
(ख) व्यवहारसूत्र, 8 / 6-8
वही, 4599, 4610
13.
व्यवहारसूत्र, 8/9
14. आचारचूला, 2/3/105
15. निशीथसूत्र, पृ. 55-56
16. व्यवहारभाष्य, 3395, 3396, 3399, 3412 17. मनुस्मृति, 6/43, 46
वही, 542,566, 580, 588