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________________ 246...जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन • यदि गृहस्थ साधु की भक्तिवश या परिचयवश किसी प्रकार की खाद्य सामग्री तैयार कर बहराये और वह उसके मनोनुकूल हो तो अग्निकाय के आरम्भ-समारम्भ का अप्रत्यक्ष अनुमोदन हो सकता है। • गृहस्थ के वैभव और सुन्दर युवतियों को देखने से पूर्वाश्रम का स्मरण और मोहोत्पत्ति हो सकती है। • पुत्राभिलाषिणी स्त्री के साथ सहवास की सम्भावना भी हो सकती है। • आगम के अनुसार निम्न दोष भी संभवित हैं-सामान्यतया गृहस्थ स्नान आदि बाह्य शद्धि का पक्षपाती और उसका आचरण करने वाला होता है। वे प्राय: साफ-सुथरे और स्वच्छ रहना पसन्द करते हैं। इसके विपरीत जैन श्रमण शारीरिक बाह्य शुद्धि को एकदम गौण तथा आन्तरिक शौच को विशेष महत्त्व देते हैं। इन विषम व्यवहारों के कारण साधु और गृहस्थ का एकत्र रहना या निकट रहना दोनों के लिए उचित नहीं होता है। साधु के मलिन वस्त्र और मलिन गात्र से निकलने वाली दुर्गन्ध गृहस्थ के लिए जुगुप्सा का कारण बन सकती है। इस दोष के निवारणार्थ साधु को गृहस्थ के घर या उनके सन्निकट वाले स्थानों में नहीं रुकना चाहिये। यहाँ इस प्रश्न का समाधान भी ढूँढ़ा जा सकता है कि जैन श्रमण स्नान क्यों नहीं करते हैं? वैदिक ग्रन्थ में कहा गया है- . स्नानं मददर्पकरं, कामांगं प्रथमं स्मृतम् । तस्मात स्नानं परित्यज्य, नैव स्नान्ति दमे रताः।। स्नान करने से मद और अहंकार की उत्पत्ति होती है और कामभोग की वासनाएं तीव्र हो उठती हैं। इसे काम भोग का प्रथम अंग कहा गया है, अत: स्नान करना वयं बतलाया है। ___ यहाँ गृहस्थ के मकान में या गृहस्थ के निकट रहने से यह दोष भी संभव है कि दोनों के कार्य-कलापों में कोई ताल-मेल न होने से दोनों को एक दूसरे के लिहाज के कारण अपने कार्यक्रमों में परिवर्तन करना पड़ सकता है अथवा साधु के लिहाज से भोजन का समय हो जाने पर भी गृहस्थ भोजन न बनाये या न करे तो इससे अन्तराय और मानसिक संताप होने की संभावना रहती है। • गृहस्थों के संसक्त स्थान में रहने पर साधु-साध्वी के आचार में शिथिलता आ जाने का गंभीर खतरा रहता है। जैसे गृहस्थों के सम्पर्क में रहने
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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