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________________ 66...जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन 119. भावनाशतक 120. दशाश्रुतस्कन्ध, 7/3 121. वही, 7/4-26 122. वही, 7/27-33 123. वही, 7/35 124. भगवतीसूत्र, 3/105 125. अंतकृतदशासूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 3/8/21 126. पंचाशकप्रकरण, 18/4-6 127. प्रवचनसारोद्धार, गा. 575-577 128. आचारदिनकर, पृ. 122 129. वही, पृ. 122 130. पंचाशक, 18/7,13 131. प्रवचनसारोद्धार-सानुवाद, 67/578, पृ. 308-309 132. समवायांगसूत्र, 12/77 133. भगवतीसूत्र, 2/1, पृ. 191 134. दशाश्रुतस्कन्ध, सातवीं दशा 135. आवश्यकनियुक्ति गा. 1 136. पंचाशकप्रकरण, 18 वाँ 137. प्रवचनसारोद्धार, 67/574-589 138. आचारदिनकर, भा. 1, पृ. 121-123 139. स्थानांगसूत्र, 5/1/3-4, 5/3/176 140. प्रज्ञापनासूत्र, पद 15 141. प्रवचनसारोद्धार, 67/589 142. गुत्ती नियत्तणे वुत्ता, असुभत्थेसु सव्वसो। उत्तराध्ययनसूत्र, 24/26 143. सम्यग्योगनिग्रहो गुप्तिः। तत्त्वार्थसूत्र 9/4 144. प्रवचनविधिना मार्गव्यवस्थापनमुन्मार्गगमन निवारणं गुप्तिः। उत्तराध्ययन शान्त्याचार्य टीका, पत्र-514 145. जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, भा. 1, पृ. 64 146. उत्तराध्ययनसूत्र, 24/21
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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