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________________ Ix... जैन गृहस्थ के व्रतारोपण सम्बन्धी विधियों का प्रासंगिक .... • सम्यग्दर्शन के प्रकार . सम्यग्दर्शन के आठ आचार . व्यवहार सम्यक्त्वी के 67 गुणों का स्वरूप एवं प्रयोजन . सम्यग्दर्शन के पच्चीस दोष • सम्यग्दर्शन की आवश्यकता क्यों? • सम्यग्दर्शन का माहात्म्य • त्रिविध मोक्षमार्ग में सम्यक्त्व का स्थान . सम्यग्दर्शन को कैसे पहचाने? • सम्यग्दर्शन का फल . सम्यक्त्वग्राही की पूर्व योग्यता . सम्यक्त्व व्रतप्रदाता की योग्यता • सम्यक्त्व व्रत ग्रहण के लिए शुभ मुहूर्त्तादि का विचार • सम्यक्त्व व्रतारोपण में प्रयुक्त सामग्री • सम्यक्त्वव्रत- विधि की ऐतिहासिक विकास • यात्रा • सम्यक्त्व व्रतारोपण-विधि • सम्यक्त्व व्रतारोपण सम्बन्धी विधि-विधानों के प्रयोजन • तुलनात्मक विवेचन • उपसंहार • सन्दर्भ सूची। अध्याय-3 : बारहव्रत आरोपण विधि का सैद्धान्तिक अनुचिन्तन __136-210 • श्रावक धर्म प्रतिपादन के प्रकार • जैन आचार ग्रन्थों में बारहव्रतों का स्वरूप पाँच अणुव्रत- 1. अहिंसा अणुव्रत का स्वरूप 2. हिंसा के प्रकार 3. हिंसा के अन्य प्रकार 4. अहिंसाव्रत के दो आगार 5. अहिंसा व्रत के अतिचार 6. अहिंसाणुव्रत की उपादेयता 7. सत्य अणुव्रत का स्वरूप 8. स्थूल असत्य के प्रकार 9. सत्यव्रत के अतिचार 10. सत्याणुव्रत की उपादेयता 11. असत्य प्रकारों के सेवन से होने वाली हानियाँ 12. अचौर्य अणुव्रत का स्वरूप 13. स्थूल एवं सूक्ष्म चोरी का स्वरूप 14. स्थूल चोरी के प्रकार 15. चोरी के बाह्य कारण 16. अचौर्य व्रत के अतिचार 17. अचौर्यव्रत की उपादेयता 18. चौर्यकर्म से होने वाली हानियाँ 19. ब्रह्मचर्य अणुव्रत का स्वरूप 20. ब्रह्मचर्यव्रत के अतिचार 21. ब्रह्मचर्य की महिमा 22. ब्रह्मचर्य व्रत की उपादेयता 23. परिग्रह परिमाणव्रत का स्वरूप 24. परिग्रह परिमाणव्रत के अतिचार 25. परिग्रह परिमाणव्रत की उपादेयता 26. पाँच अणुव्रत के अन्य प्रकार। तीन गुणवत- 1. दिशापरिमाण व्रत का स्वरूप 2. दिशापरिमाण व्रत के अतिचार 3. दिशापरिमाण व्रत की उपादेयता 4. उपभोगपरिभोग परिमाण व्रत का स्वरूप 5. उपभोगपरिभोग व्रत पालन हेतु कुछ आवश्यक बातें 6. उपभोग परिभोग परिमाण व्रत के अतिचार 7. पन्द्रह कर्मादान 8. उपभोग परिभोग व्रत
SR No.006240
Book TitleJain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, & C999
File Size37 MB
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