SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 114
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ • ५६ जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन सूचक बाह्य व्यापार रूप अनुभावों, सन्दर्भ विशेष के वाहक शब्दों तथा सन्दर्भ विशेष में गुम्फित शब्दों के द्वारा अभिव्यक्ति किया जाता है, तब भाषा भावों के स्वरूप की अनुभूति कराने योग्य बनती है। इन तत्वों के द्वारा वस्तु के सौन्दर्य का उत्कर्ष, मानव मनोभावों एवं अनुभूतियों की उत्कटता, तीक्ष्णता, उग्रता, कटुता, उदात्तता एवं वीभत्सता, मनोदशाओं की गहनता, किंकर्तव्यविमूढ़ता, परिस्थितियों और घटनाओं की हृदय द्रावकता, मर्मच्छेदकता तथा आह्लादकता आदि अनुभूतिगम्य हो जाते हैं । इनकी अनुभूति सहृदय के स्थायीभावों. को उद्बुद्ध करती है, जिससे वह भावमग्न या रसमग्न हो जाता है । कथन की विशिष्ट पद्धति से आविर्भूत रमणीयता भी उसे आह्लादित करती है । कथन की यह विशिष्ट पद्धति ही शैली कहलाती है । इस शैली में गुम्फित भाषा काव्य भाषा कहलाती है । भारतीय काव्यशास्त्री कुन्तक ने इस शैली को वक्रता शब्द से अभिहित किया है। भारतीय काव्यशास्त्रियों ने इसे चयन (सिलेक्शन) और विचलन (डेवीयेशन फार्म नार्मस् ) नाम दिये हैं। ' जयोदय का काव्यत्वं इस कसौटी पर खरा उतरता है । मानव चरित तथा मानव आदर्श प्रस्तुत महाकाव्य का विषय है । महाकवि ने अपनी उक्तियों को लाक्षणिकता एवं व्यंजकता से मण्डित कर अर्थात् उनमें वक्रता लाकर हृदयस्पर्शी बनाया है, जिससे जयोदय की भाषा में अपूर्व काव्यात्मकता आविर्भूत हुई है । महाकवि ने भाषा को काव्यात्मक बनाने वाले प्रायः सभी शैलीय उपादानों का प्रयोग किया है । उपचार वक्रता, प्रतीक विधान, अलंकार योजना, बिम्ब योजना, शब्दों का सन्दर्भ विशेष में व्यंजनामय गुम्फन, मुहावरे, लोकोक्तियाँ, सूक्तियाँ आदि सभी तत्त्वों से उनकी भाषा मण्डित है। इन सभी का विश्लेषण उत्तरवर्ती अध्यायों में किया जा रहा है। 9. मूक माटी अनुशीलन (पाण्डुलिपि) : डॉ. रतनचन्द जैन, पृष्ठ- २
SR No.006193
Book TitleJayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAradhana Jain
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy