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________________ उत्सर्पिणी काल १० को को. सागर. १२ आराका कालचक्र अवसर्पिणी काल १० को. को. सागर. १. द्रव्यं पुद् गल परावर्त 4-5-225. बादरः अक्रमिक १४राजलोकक रक्षेत्र पुद्गल परावर्त १. बावरः अक्रमिक सात वर्गमा (आहारक बिना) दारिक प्रत्येक प्रदेश २. सूक्ष्म क्रमिक "" मरणसे स्पर्शित कालम 35. SER • पूरा आर के. पा काल यू 1441 दुधक 16665BF 3/5 कल पकाल परावर्त बदरः आक्रमिक ६ठ्ठा आ ४ कोड़ा कोडी सागरोपम सुषम सुषम चेतति पालन पसलियाँ प०६४ कालचक्र के प्रत्येक समय क्रमिक • of मरण स्पर्शित कालमान श. २ गाउ आयु.. बोर प्रमाण शरीर ३ गाउ आयुष्य ३ पल्योपम ३ दिने अनबर प्रमाण श. २ गाउ आयु-१ पस्यो। विभाग-3 २२००० वर्ष दुष २रा आरा २५६ ww 2 6. कोटा का पसलियाँ २५६ टी ROMAN प्रति १०० वर्षे एक बाल मंड २१००० वर्ष दुःपन दोषम शरीर: ३ गाउ आयुष्य ३ पल्योधम आहार ३ दिन अनिर तूवर प्रमाण बील कमी, रात्री १ला आरा 19 1 आकार १ दिने ४ गाउ निकालंते कुवा ४ गाउ आगलाप्रमाण संपूर्ण खाली करे। १ पल्यपत्र असंख्य वर्ष भा • सागरोपम श. ७ सब शरीर २६०५ आयु-१३० पंच आय- २० वर्ष दृष्टि. ग धान्य फल भोग 3G संतांत पालन रहाम ! शरीर २ गाउ 'शाकार सागरी सुषम आ. २ पल् बोर एका ४९ दिन एम ६ठ्ठा आरा १२८ पसलियाँ my पसलियों २१००० वर्ष ज् युकि ४२००० वर्ष १की. का दः षम पूवा आरा que viene ܚ ܕ २ सूक्ष्मः क्रमिक " " मासे स्पर्शित कालमान 'था आरा ४ भाव पुवाल परावर्त '१ बादर :- अक्रमिक रमबंधके सर्व अध्यवसाय स्थानका 29 .. પલ્યોપમ કોને કહેવાય ? १ योशन (४ गाउ) सांजा, पहोना, अंडा खेड डूवामां ताभ ४न्मेसा युगलिङ બાળનાં એક એક વાળનાં અસંખ્ય ટૂકડા કરી નાંખવા અને ખીચોખીચ દબાવીને ભરવો. પછી દર સો વર્ષે એક એક ટૂકડો કાઢતાં જ્યારે તે કૂવો ખાલી થાય તેટલા વિરાટ સમયનો ૧ પલ્યોપમ થાય છે.
SR No.006190
Book TitleKalapurna Sanskar Shibir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChittaprasannashreeji, Chittaranjanashreeji
PublisherKalapurna Sanskar Shibir
Publication Year2010
Total Pages298
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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