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________________ श्रीधरचरित : माणिक्यसुन्दरसूरि ३७१ आचार्य से दीक्षा ग्रहण की थी। इस तथ्य की पुष्टि कवि के अन्य ग्रन्थों से भी होती है। अंचलगच्छ-पट्टावली के अनुसार मेरुतुंग का जन्म सम्वत् १४०३ में नाणाग्राम में हुआ था तथा वे सम्वत् १४७ ३ में, जूनागढ़ में, दिवंगत हुए। पूर्वविवेचित जैनकुमारसम्भव के यशस्वी प्रणेता जयशेखरसूरि माणिक्यसुन्दर के विद्यागुरु थे। माणिक्यसुन्दर का कविजीवन इन्हीं गुरुवर की प्रेरणा एवं प्रोत्साहन का पाथेय लेकर विकसित हुआ। प्रान्त-प्रशस्ति के अनुसार श्रीधरचरित की रचना सम्वत् १४६३ (सन् १४०६) में, मेवाड़ के प्रख्यात नगर देवकुलपाटक (देलवाड़ा) में, सम्पन्न हुई थी। श्रीमेदपाटदेशे ग्रन्थो माणिक्यसुन्दरेणायम् । __देवकुलपाटकपुरे गुणरसवा/न्दुवर्षे व्यरचि ॥१५ काव्य की स्वोपज्ञ दुर्गमपदव्याख्या सम्वत् १४८८ में, मूलरचना के पच्चीस वर्ष पश्चात्, श्रीपत्तन में लिखी गयी थी। व्याख्या-सहित काव्य का प्रथम आदर्श उनके मेधावी शिष्य कीर्तिसागर ने तैयार किया था। कवि के गुणवर्मचरित की रचना सम्वत् १४८४ में हुई थी। मूल श्रीधरचरित इससे पूर्व की तथा काव्य की व्याख्या इसके बाद की रचना है। माणिक्यसुन्दर सर्वशास्त्रविशारद विद्वान् थे । श्रीधरचरित के अतिरिक्त उनके शुकराजकथा, गुणवर्मचरित, पृथ्वीचन्द्रचरित, धर्मदत्तकथा, अजापुत्रकथा ग्रन्थ तथा कुछ टीकाएँ उपलब्ध हैं। कथानक श्रीधरचरित का कथानक नौ सर्गों में विभक्त है, जिनमें पूरे १३१३ पद्य हैं। अन्तिम दो सर्ग, परिमाण में, शेष सात सर्गों से दूने हैं। . प्रथम सर्ग काव्य की प्रस्तावना मात्र है। इसमें कवि ने अपनी गुरु-परम्परा तथा छन्दशास्त्र के मूलभूत सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है। द्वितीय सर्ग में एक सिद्ध पुरुष मंगलपुर-नरेश जयचन्द्र के सभाभवन में अवतीर्ण होता है। तृतीय सर्ग में औपचारिक शुभाशंसा तथा कुशलप्रश्न के पश्चात् वह जयचन्द्र की जिनभक्ति से १२. वही, १.१२ तथा उसकी वृत्ति १३. गुणवर्मचरित, १.४,८ तथा शुकराजकथा, प्रशस्ति, १ १४. श्रीधरचरित, प्रास्ताविकम्, पृ० १ १५. श्रीधरचरित, १.१४ १६. वही, ग्रन्थकार-प्रशस्ति, २ १७. वही, व्याख्याकारप्रशस्ति, २-३ १८. गुणवर्मचरित,प्रान्तप्रशस्ति, ३
SR No.006165
Book TitleJain Sanskrit Mahakavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyavrat
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages510
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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