SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयानुक्रम १७-२२२ १६-४७ ४८-७४ ७५-६६ १००-१२३ १२४-१५२ १५३-१८४ १८५-२०७ २०८-२२२ प्रथम अध्याय आलोच्य महाकाव्यों की प्रवृत्तियाँ तथा विशेषताएँ द्वितीय अध्याय शास्त्रीय महाकाव्य जैनकुमारसम्भव : जयशेखरसूरि काव्यमण्डन : मण्डन नेमिनाथमहाकाव्य : कीतिराज उपाध्याय यदुसुन्दरमहाकाव्य : पद्मसुन्दर हीरसौभाग्य : देवविमलगणि भरतबाहुबलिमहाकाव्य : पुण्यकुशल स्थूलभद्रगुणमालाचरित्र : सूरचन्द्र दिग्विजयमहाकाव्य : मेघविजयगणि तृतीय अध्याय शास्त्र-काव्य देवानन्दमहाकाव्य : मेघविजयगणि सप्तसन्धानमहाकाव्य : मेघविजयगणि चतुर्थ अध्याय ऐतिहासिक महाकाव्य हम्मीरमहाकाव्य : नयचन्द्रसूरि कुमारपालचरित : चारित्रसुन्दरगणि वस्तुपालचरित : जिनहर्षगणि सोमसौभाग्य : प्रतिष्ठासोम सुमतिसम्भव : सर्वविजयगणि विजयप्रशस्तिमहाकाव्य : हेमविजयगणि २२३-२५६ २२५–२३६ २४०-२५६ २५७-३६४ २५६-२६२ २६३-३०५ ३०६-३२० ३२१-३३६ ३३७-३५१ ३५२-३६४
SR No.006165
Book TitleJain Sanskrit Mahakavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyavrat
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages510
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy