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________________ आ रहा है। मेरा और देवकुमार का भाग्योदय होने वाला है। पुत्र को पिता मिलेंगे और मुझे मेरे प्रियतम । मैं धन्य हो जाऊंगी। इन विचारों में उन्मज्जन- निमज्जन करती हुई सुकुमारी अंतिम प्रहर में निद्राधीन हो गई । देवकुमार भी अनेक विचारों में विहरण करता हुआ रात्रि की अन्तिम घड़ियों में निद्रादेवी की गोद में जा बैठा । वीर विक्रम की घोषणा के पांच दिन पूरे हो गए। दो दिन पूर्व ही वीर विक्रम द्वारा सुकुमारी को सौंपी हुई पेटी तथा राजवंशी वस्त्रालंकार आदि लेकर सर्वहर अवंती की ओर विदा हुआ। अपने निवासस्थान पर पहुंचकर उसने ताड़पत्र पर एक संदेश लिखा और उसे बांस की नलिका में रख एक किशोर बालक के साथ राजभवन में भेज दिया। वीर विक्रम सर्वहर के संदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे। पांच दिन तक संदेश प्राप्त न होने पर वे चिन्तित हो गए। कमलावती बार-बार कहती रही कि सर्वहर का संदेश अवश्य आएगा। इतना ही नहीं, वह सातवें दिन राजसभा में भी उपस्थित रहेगा। पांचवे दिन राजसभा का कार्य सम्पन्न कर महाराजा विक्रमादित्य अपनी पट्टमहिषी के साथ राजभवन में लौटे तब एक रक्षक ने प्रणाम कर कहा - 'कृपानाथ की जय हो। एक अपरिचित किशोर ने यह बांस की नलिका दी है।' 'कहां है वह किशोर ?' 'उसको रोका था, पर वह रोने लगा। वह सर्वथा अपरिचित था। किसी ने उसे एक स्वर्णमुद्रा दी और वह यह नलिका लेकर यहां आ गया।' विक्रम वह नलिका लेकर मध्य खण्ड में जाकर बैठ गए। उस समय कला, लक्ष्मी और कमला- तीनों रानियां वहां पहुंच गई थीं । वीर विक्रम ने उस नलिका से ताड़पत्र निकाला और उसको पढ़ना प्रारम्भ किया। उसमें लिखा था - 'परम पूज्य प्रात:स्मरणीय उदारचित्त राजराजेश्वर महाराजा वीर विक्रमादित्य के पादपंकज में दासानुदास सर्वहर का साष्टांग प्रणाम । आपने राजसभा में जो घोषणा की थी उसका उत्तर देने में विलम्ब हुआ, क्योंकि मैं अवंती में नहीं था। आपकी घोषणा को मैं आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करता हूं। चोरी करना मेरा व्यवसाय नहीं है। मैं इस चोरी के माध्यम से आपको कुछ स्मृत कराना चाहता था, पर आपको कुछ भी याद नहीं आया। एक बात मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने जो कुछ वीर विक्रमादित्य ३८५
SR No.006163
Book TitleVeer Vikramaditya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Chunilal Dhami, Dulahraj Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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