SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 383
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सू० २३० ३६१ लघुसिद्धान्तकौमद्याम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः गोपाः-गौ पालनेवाली स्त्री। सू० २२८ मति:-बुद्धि। श्री:--श्री (शोभा)। सू. २२३ बुद्धि:-बुद्धि । धेनुः--गौ। सू. २२५ __ सू० २३२ तिस्रः-तीन स्त्रियाँ । भ्रः-भृकुटि। चतस्रः-चार स्त्रियाँ । स्वयम्भूः--ब्रह्मा। स. २२६ सू. २३३ द्वे-दो स्त्रियाँ। स्वसा--बहिन । गौरी--पार्वती। दुहिता--पुत्री। नदो-नदो। याता-जेठानी, देवराणी। लक्ष्मीः--लक्ष्मी। माता-माता। तरी:--नौका। द्यौः-श्राकाश। तन्त्रीः --वीणा का तार। रा:--धनः। स्त्री-स्त्री। नोः--नौका। इति अजन्तस्त्रील्लिङ्गप्रकरणम। अथाजन्तनपुंसकलिङ्गाः प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः सू. २३४ इतरत्-इतर । ज्ञानम्-ज्ञान। अन्यत्--और । स. २४० अन्यतरत्--दो में से एक । धनम्--धन । अन्यतमम्-इन सब में से एक । वनम्-वन। फलम्--फल । एकतरम्-दोनों में से एक। सू. २४२ श्रीपम्--धनरक्षक (कुल)। कतरत्-दो में से कौन सा (कुल)। सू० २४४ कतमत्--बहुतों में से कौन सा । वारि-जल ।
SR No.006148
Book TitleLaghu Siddhant Kaumudi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
PublisherMotilal Banrassidas Pvt Ltd
Publication Year1981
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy