SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -G900 “सांच को आंच नहीं" 0960-3 दुसरी बात मुनिश्री मणीलालजी की 'जैन इतिहास और प्रभुवीर पट्टावली' जो स्थानकवासी जैन कार्यालय अहमदाबाद से प्रकाशित हुई है, उसे स्थानकवासी जैन कोन्फरन्सने ता. १०-५-१९३६ की जनरल वार्षिक बैठकमें अमान्य घोषित किया था । चूंकि पुस्तक में इतिहास असत्य - अविश्वसनीय था । इससे भी लेखकश्री ने दिया हुआ चरित्र अप्रमाणिक सिद्ध होता है। सत्यप्रिय स्थानकवासी विद्धान नगीनदास गिरधरलाल शेठ अपने 'मूल जैन धर्म अने हालना संप्रदायो' पुस्तक में लोकाशाह के विषय में इसप्रकार अभिप्राय देते है - 'खरी वात ए छे के लोकाशाह संबंधी पण घणी विगतो उपलब्ध छे, परंतु ते बधी वातों स्थानकवासीओनी हालनी मनथी मानेली मान्यताथी विरुद्ध जाय छ । तेथी स्थानकवासीओं ते वातो जोवा के तपासवानी तमा पण करता नथी अने बचावमां कहे छे के विरोधियों तो लोकाशाह माटे गमे तेम कहे छे ते वात स्थानकवासीओं मानवा तैयार नथी। ___स्थानकवासीओने पोते सत्यना अनुयायी होवानो दंभ करवो छे पण सत्य जाणवा - तपासवानी दरकार करवी नथी ! जे अनेक विश्वसनीय प्रमाणोंथी असत्य ठरतु होय तेने पण असत्य तरीके न स्वीकार तेमां अज्ञान नथी पण दंभ अने दुराग्रह छ । अने दंभ तथा दुराग्रह ते मिथ्यात्वना अंशो गणाय छ ।' ३४३, ३४४ . 'अंधश्रद्धाथी मुनिश्री सदानंदीने तथा स्थानकवासीओने साचा प्रमाणों न मानवा होय अने सर्वधर्मक्रियानो निषेध करनार लोकाशाह ने खोटी रीते 'धर्मप्राण' कही असत्य मान्यतानुं पाप वहोर होय तो ते जैनधर्मी कहेवडावनार माटे दूषण छ ।' पृ. ३४० लोकाशाह के समकालीन अथवा उनके नजदीक के काल में रचनायें हुई, उनसे ही लोकाशाह का वास्तविक चरित्र मिल सकता है । सात लेखकों की प्राचीन कृतियों से कुछ सत्यता प्राप्त हो सकती है। उसमें से पाँच कृतियों को नगीनदास शेठ इस प्रकार बताते है - ___- १. वि. सं. १५४३ सिद्धांत चोपाई' लेखक पं. मुनिश्री लावण्यसमय २. वि. सं. १५४४, 'सिद्धांत सारोद्धार लेखक खरतरगच्छीय जिनहर्षसूरि 57
SR No.006136
Book TitleSanch Ko Aanch Nahi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year2016
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy