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________________ १६४ सूत्र संवेदना-५ अन्य बहुत से ग्रंथों में मिलती हैं। उसके आधार पर यहाँ संक्षेप में वे कथाएँ प्रस्तुत की गई हैं। कथाओं का स्थल-काल-नाम आदि की जानकारी गौण है। यथा संम्भव प्रयत्न करने के बावजूद त्रुटि रह सकती है, उसका बहुत महत्त्व नहीं है। महत्त्व की बात तो यह है कि हमें इन १०० पात्रों के चरित्र को यथार्थ समझकर, उसे अपने जीवन में लाने का प्रयत्न करना चाहिए । मूल सूत्र : भरहेसर बाहुबली, अभयकुमारो अ ढंढणकुमारो । सिरिओ अणिआउत्तो, अइमुत्तो नागदत्तो अ ।।१।। मेअज थूलभद्दो, वयररिसी नंदिसेण सिंहगिरी । कयवनो अ सुकोसल, पुंडरीओ केसि करकंडू ।।२।। हल्ल विहल्ल सुदंसण, साल-महासाल-सालिभद्दो अ । भद्दो दसन्नभद्दो पसन्नचंदो अ जसभद्दो ।।३।। जंबुपहु वंकचूलो, गयसुकुमालो अवंतिसुकुमालो । धन्नो इलाइपुत्तो, चिलाइपुत्तो अ बाहुमुणी ।।४।। अज्जगिरी अज्जरक्खिअ, अज्जसुहत्थी, उदायगो, मणगो । कालयसूरी संबो, पज्जुण्णो मुलदेवो अ ।।५।। पभवो विण्हुकुमारो, अद्दकुमारो दढप्पहारी अ । सिज्जंस कूरगडू अ, सिजंभव मेहकुमारो अ ।।६।। एमाइ महासत्ता, दितु सुहं गुण-गणेहिं संजुत्ता । जेसिं नाम-ग्गहणे, पाव-प्पबंधा विलयं जंति ।।७।।
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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