SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( 11 ) जीवदया - जयणा मारो नहीं बेचारी मक्खियों को नहीं मारना । मच्छरों को भी नहीं मारना । खटमलों को भी नहीं मारना । इनका अपराध कितना ? इनको सजा कितनी ? ये कोई तुम्हारी जान थोड़े ही ले लेते हैं ? तो फिर तुम इनकी जान क्यों ले लेते हो ? तुम्हें मार डालने का इनका इरादा थोड़े ही है ? ये तो बेचारे अज्ञान व भोले भाले जन्तु हैं। घूमते-घामते तुम्हारे शरीर पर आकर के बैठ जाते हैं। अपनी खुराक खोजते हैं। रास्ते पर चलते हुए तुमने, मानो किसी को जरा सी टक्कर लगाई और अगर सामने वाला तुम्हें चाकू निकाल के मारने लगे तो बताओ कैसा लगेगा उस वक्त ? न्याय या अन्याय ? अन्याय ! तो फिर भूल से, गल्ती से, तुम्हारे घर में या तुम्हारे शरीर पर आकर बैठे हुए जन्तुओं को यदि तुम मार डालते हो तो यह न्याय या अन्याय ? मक्खी मच्छर खटमल b भोजन खोजने आते और जाते हैं..... 17
SR No.006115
Book TitleJain Tattva Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages56
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy