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________________ ૧૯૨ હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી : ભાગ-૧ પહેલા ગણના કૃદન્ત વર્તમાન | વર્તમાન ! હેત્વર્થ કે સંબંધક | કર્મણિ કર્તરિ | કર્મણિ | કૃદન્ત ભૂત કૃદન્ત ભૂત કૃદન્ત गच्छत् गत गम्यमान ग गत्वा | पश्यत् | दृश्यमान | दृष्ट्वा स्थित / दत्त 2 44 तिष्ठत् यच्छत् पिबत् वन्दमान वर्धमान | स्थीयमान स्थातुम् दीयमान | दातुम् पीयमान | पातुम् वन्द्यमान वृध्यमान स्थित्वा दत्त्वा पीत्वा | वन्दित्वा वर्धित्वा पीत वन्दित वन्दितुम् वर्धितुम् हरत् हर्तुम् हत । हरमाण op ol हृत डयित्वा डयमान भाषमाण रममाण लभमान शोभमान वर्तमान सेवमान स्वादमान पचत् पचमान ह्रियमाण हियमाण हर्तुम् डीयमान डयितुम् भाष्यमाण भाषितुम् रम्यमाण | रन्तुम् । लभ्यमान |लब्धुम् | शुभ्यमाण शोभितुम् वृत्यमान वर्तितुम् सेव्यमान | सेवितुम् स्वाद्यमान स्वादितुम् पच्यमान पच्यमान | नीयमान | नेतुम् . नीयमान नेतुम् याच्यमान याचितुम् याच्यमान याचितुम् राज्यमान | राजितुम् राज्यमान | राजितुम् | उह्यमान वोढुम् हृत्वा | हृत्वा डयित भाषित्वा भाषित रत्वा/रमित्वा लब्ध्वा लब्ध शोभित्वा शोभित वर्तित्वा वृत्त सेवित्वा सेवित स्वादित्वा स्वादित | पक्त्वा पक्व पक्तवा पक्व नीत्वा नीत नीत्वा याचित याचित्वा याचित राजित्वा राजित | राजित्वा राजित ।ऊवा ऊढ | पक्तुम् 亚铜啊啊市計啊啊啊啊派 नयत् याचित्वा नयमान याचत् याचमान राजत् राजमान | वहत्
SR No.006057
Book TitleHaim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshchandra Kantilal Mehta
PublisherRamsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala
Publication Year2006
Total Pages308
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
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