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________________ યુગે યુગે પાટણની પ્રભુતા ૪૬૨ અણહિલવાડ પાટણનાં સમ્રાટ મૂળરાજ સોલંકીનું દાનપત્ર (કડી) Kardi GRANT OF MULARAJA OF ANHILADA, V.S 1043 (A.D.987 1st plate ९जावली. पूर्व राजहंस विमालामय पत्रः कमल या निवि वश्विननक मलाशय विनिवविक्रमा का इलः। मृव विहितास লयঃन म य व विदुनंदनतः कल्पवृक्षव वीक ताई हल प मेरुमिव सईयामास तायति सिवाय जलद व अर्धस्रवा नुक्षी द्विपदम दादा नाना थोडी व्रत करतलुकि को नया महा গাবিাখ এলজঃमाজविजी सुन निज सुपार्जित सम न मारली मटकीय ग्राम बुकाम का ग्रामयमत्र राजपुरुषाना लो नुननिवासिन पदमा यस संविदिन। यथारा श्रीमद लाहल घाट काना मिस ग्रह पर्व लिग्रीक प्राचीनी वारि लि विपतिरुमाल यादव ममारास विविंशतिनील जललव तरल शालिमा समानयिताराम न મૂળરાજ સોલંકીનું એક ‘દાનપત્ર’ GRANT OF MULARAJA पुथा कि वृद्या या परिलिखित शामायामीमा पर्यतः स काष्ठ लोकाप नः सावार समितः मद उमगतो व द्विविषायमपिमूलनाबाद वामनानायक प्रेममा निःपत्र: तिमी निवासिजन पाद घायी य मानाका करिष्मादिसर्व मालविया ई वा सर्वदा स्ममुपने नहीं। सामान्य विसावा दिव मृदा यो यमनुमनाः पालनीया उगवताना वर्षसहसालिक नैतिष्ठति यमिदः प्राह तावा नु मनावनी वन र ॥ वदु सिमा दिवस भित्रन साना दली यानानि दिनानिमायामूराला (नवी प्रतितानि को नाममा रा दी प्रतिविम्मिशाने काय तुनकशिलानानि ॥ आप्पादिन नाव श्री मुजरा १०४
SR No.005790
Book TitleYuge Yuge Patanni Prabhuta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukund P Bramhakshatriya
PublisherJayendra M Bramhakshatriya
Publication Year2008
Total Pages582
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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