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________________ (२९) नि. घ. कल्याणमन्दिर मुदार मवद्यभेदि देवार्यवीर मवनम्य निवेदयामः ॥ भो भोः प्रमादमवधूय भजध्वमेतं श्रीजैनशासनसरोजदिनेशसङ्क्रम् ॥ १॥ स्वस्ति श्रीपार्श्वजिनं प्रणम्य श्री महाशुभस्थाने पूज्याराध्य, इढधर्मवान्, देवगुरुभक्तिकारक, धर्मप्रभावक, परमप्रीतिपात्र इत्यादि गुणालंकृत श्री अनेक शुभ की खिदमत में यहां श्रीदेव विशेष विज्ञासमुदायकी श्रीबडोदे से लि. श्रीसंघ समस्तके प्रणाम अवधारियेगाजी. गुरूके प्रसाद से क्षेमकुशल है. आपकी कुशलता हमेश चाहते हैं. पना कि एकांतहितकारी सर्वोत्कृष्ट श्रीजैनधर्म ओर जैनधर्मी तक्की के लिये सत्र जायके श्रसिंघ के प्रतिनिधियोंका महामंडळ श्रीफलोधि पार्श्वनाथके तीर्थमें और मुंबई में श्री जैन श्वेतांवर कॉन्फरन्स के नामसे जमे हुवा था. व्हो कॉन्फरन्सकी तिसरी सभा यहां भरनेका आमंत्रण, मुंबई में मिलेली दुसरी कॉन्फरन्सके बख्त, हमारे संघके, तर्फसे किया गया हे. और उस लिये विक्रम संवत १९६१ मार्गशीर्ष ( गुजराती कार्तिक ) वदि ९-६ता. २७-२८-२९ माहे नवम्बर इस्वी सन १९०४ वार रवि, सोम, मंगलके रोज हमने मुक्रर किये हैं. तो उस मुबारक वक्तपे आपके तर्फसे प्रतिनिधि ( डेलीगेट ) के तोर से यहां तशरीफ फरमाने के वास्ते - के आगवानोमेंसे लायक प्रतिनिधियोंकु पसंद करके भेजनेकी महेरबानी करे ओर उन महाशयों के नाम इस सोबत भेजी हुई मुद्रित प्रतिनिधि-पत्रिकामें कुंकुमपत्रिका पहोंचेसे आठ दिनकी मुदत लिख भेजने का करे. बडोदा ( वीरक्षेत्र ) प्राचीन शहर हे श्रीमंत महाराजा सयाजीराव गायकवाड सरकारकी राजधानी है, ओर श्रीजिन मंदिरकी यात्राका ओर परमपूज्य आचार्य महाराज श्री १०८ श्री कमलविजयादि मुनि महाराजके दर्शनका योग हे. शिवाय श्रीजैन धर्मके लाक्षणिक प्रदर्शन देखने का भी मोका है. सो विदित होवे. बडोदें-गुजरात. लि. श्रीसंघ के तरफ से नम्र सेवकों. फत्तेहभाई अमीचंद झवेरी. प्रमुख, कॉन्फरन्स स्वागत मंडळ. विगेरे. विगेरे. आश्विन सुदि १० रोज मंगल. बाळाभाई मगनलाल डॉक्टर. माणेकलाल घेलाभाई झवेरी चीफ सेक्रेटरीओ Jain Education International For Personal & Private Use Only 11 www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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