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________________ ध भ य न જ હાઉરિકા અને રાણાવાહિના માં જમાદા ૧૫૪ = तिविधेण, तिविहेण; तधा-तधा, तहा-तहा; अधियास-, अहियास-; इध, इह मेधावी, मेहावी = थीभि, थीहि; लोभो, लोहो; पभू, पहू; सोभणे, सोहणे; = आवकधा, आक्कहा = निधाय, णिधाव (णकार के बदले में शब्द का मूल नकार ही भाषा की प्राचीनता का द्योत संयुक्त व्यंजन -ज्ञ- = अन्नात, अण्णात; अपडिन्ने, अपडिण्णे -- = समुष्पन्न, समुप्पण्ण -न्य- = अन्न, अण्ण; अन्नेसिं, अण्णेसिं नाम-विभक्ति-प्रत्यय -ए = पुत्ते, पुत्तो; बुद्धे, बुद्धो; चुत्ते, चुओ -आणि = कम्माणि, कम्माई; वासणि, वासाई; परमंगाणि, परमंगाई; धम्मपदार धम्मपयाई; भूताणि, भूयाई; कूराणि, कूराई -एण = तिविधेण, तिविहेणं -सा = चक्खुसा, चक्खुणा -भि = थीभि, थीहि -तो(=त:) = दिसातो, दिसाओ; अविजाणतो, अवियाणओ -य . = जाईय, जाईइ महीय, महीइ -अंसि = सरीरंसि, सरीरम्मि; लोकंसि, लोकम्मि क्रिया-रूप -ए. = पुच्छे, पुच्छेज्जा; समारंभे, समारंभेज्जा -या = अणुपालिका, अणुपालिज्जा; पमज्जिया, पमज्जिज्जा; (कुज्जा, करेजा) -तर = पूरहन्नर, पूरेउं . -त्ता = चइता, जइऊण; अभिवंदिता, अभिवंदिऊण -मीण = घातमीणे, घातमाणे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005251
Book TitleHastprat Vidya ane Agam Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjana Vora
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year2001
Total Pages218
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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