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________________ ६०४ गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति रत्नेश्वर-सूत, वाडव, अबोल्यो, बेठो, व्यासपुत्र, बालक, नाना, शुकजी, अर्जुन, सर्वे, ऊभा, सामा. प्रेमानंद-पांडव, अरजुन, तापश, आव्यो, जुधीष्टर, बडबडतो, वलता, नल, धर्म, पांडवो. विभक्ति-२लक्ष्मीरत्न-चरण, विलास, कथा, जल, गुरू, रास, सानिद्ध. रत्नेश्वर-बाद, निःश्वास, मोक्षमार्ग, गमन, वेष, कौतुक, मस्तक, शुकने, मुनिवरने, कर्मने. प्रेमानंद-ध्यांन, जश, सरस्वतीने, राज, पुत्रने, त्रीपुरार, शेवा, द्रुपदीने, मुने, रीधशीधने. विभक्ति-३-- प्रेमानन्द-नांमी, मे, (में) नले, कद्रष्टे, दीवशे, प्रतापे, नामें, पांडवे. लक्ष्मीरल-कुंभे, ज्ञाने, नांमें, नामें, जिणे, भुजबलें, साथे. रत्नेश्वर-तेणे, समे, शरीरे, हरखे, अतिथिरूपे, युधिष्ठिरे. विभक्ति-४ तथा ६प्रेमानंद-सुतनु, नैशदतणो, नैशदराएनी, पर्वनो, वश्यानो ( रहेवार्नु), तेहेनी, भीमशेन्यनी, शेहेदेवने, चंद्रनु, भाइनी, तेहनां, कोहोने (कोने), देशनो, तेहनो, तेहना, नलनी, नलनु, तेहना, तेहेनी, ताहारू. रत्नेश्वर-पाम्यानो, परीक्षितने, अवधूततणो, जेनी, जेहनूं , वरसना, जेना, त्रिवल्लीनी, जेना. लक्ष्मीरत्न-श्रीजीनतणा, वेंपारीनी, वेसानां, गुजरनो, धर्मतणि, केइनें, जीवन, तेनु, जेनी. Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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