SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 550
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५२७ चौदमा अने पन्दरमा सैकानुं पद्य तथा गद्य बांध्या राय विछोडइ बंध पी कुवेला ऊडइ कंध । गढगाढिम नवि सीझइ अत्थ तिणि वेला वाणीउ समत्थ ॥ ३१ ॥ दहा सूदा ! तुहाला साथ थिउं आंतरू अति उरतउ। हब जोसिइ जगनाथ साहस सामलया भणइ ।। ४९ ॥ उंले आंतरिएहि तड पइलुं पामीउं नही । बाहण विचि विहि लेहि निहरइ नीजामा पषड् ॥ ५० ॥ ऊभी आस करेहि अबला आहेडी तणी। बर पइंठउ वि मरेहि केसरिनां पग किम नीसरइ ॥५१॥ नाह तुहाला नेह किम ऊसंकल एक भवि । जां दसवार न देह ए आपणउ न होमीइ ॥५२॥ माणिकठि जलेहि पडइ तउ प्रापति पामीइ । नाह नवेरइ देहि दरसणि देषेवू थिउं ॥ ५३॥ आसाल्धी एक पीहरि मेलही पारणी । तिहनइ आज अनेकि ऊचाटइ ऊपांपलां ।। ५४ ॥ सूदा शोक सरोष मनि माहरइ कांइ नही । सही समे घड लाष कीधां आज अणोसरा ॥ ५५॥ जिणुणी काजि न दीह आंक्या आवेवातणा। ते लेपेतां लीह करी कुडेरं दाझिसइ ॥ ५६ ॥ आगइ एक न धरि वाआहि अनइ पंच पुहुता पडमाहि । अतिऊंचा अंजनवनदेह किरि महिमंडलि आव्या मेह ।। ८७ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy