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________________ शतक १२ - उदेशक ४. भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र. २६९ पणं कमेणं पंचगसंजोगो वि भाणियचो, जाव- नवगसंजोगो । दसहा कज्जमाणे एगयओ नव परमाणुपोग्गला, एगयओ संखेअपरसिप संधे भवति या एगयओ बट्ट परमाणुपोगला, एगयओ दुपरसिए, एगयओ संज्ञपरसिए बंधे भवति । एएणं कमेणं एक्वेक्को पूरेयधो, जाव - अहवा एगयओ दसपपसिए खंधे, एगयओ नव संखेज्जपरसिया संधा भवंति; अहवा द संखेजपरसिया संधा भयंति संखेजदा कलमाणे संखेजा परमाणुयोग्गला नवंति । 1 ११. [प्र०] असंखेजाणं भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहनंति, एगयओ साहणित्ता किं भवति ? [उ०] गोयमा ! अक्षरसिप बंधे भवति से मिलमाणे दुद्दाऽचि जाय इसदाऽपि संखेचहाऽचि, असंलेखहाऽवि कवर। दुद्दा फ माणे एगयओ परमाणुषोमा, एगयो असंखेजपरसिए संधे भवति जाब-अहवा एगयओ दसपरसिए बंधे भवर, एगयत्रो असिनपसिए बंधे भवति महवा एगयओ संखेजपपसिए संधे, पगयओ बसंतेजपरसिए संधे मवतिः अहवा दो असंखेज्जपएसिया खंधा भवंति । तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपपलिए बंधे भवति, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपपसिए, एगयओ असंखिजपपसिए खंधे भवति, जाव - अहवा एगयओ परमाणुपोगले एगयओ इसपरसिए बंधे, एगयओ असंखपरसिए संघ भवति अहचा एगयओ परमाणुपोन्गले, एगयओ संखेअपपसिए खंधे, एगयओ असंलेजपरसिर संधे भवति अदवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो असंलेजपरसिया संधा भयंति अहवा एगयो दुपपसिए संधे, एगयओ दो असंखेजपरसिया संघा भयंति एवं जाच अहचा एगयओ संसेजपरलिए संधे, एगयओ दो असंखिखपरसिया खंधा नवंति अहचा तिग्नि असंलेजपरसिया संधा भवति । चउहा कजमाणे एगओ तिनि परमाणुपोमाला, एगयओ असंखेजपपलिए बंधे भवति एवं चडगसंजोगो, जाव- दसगसंजोगो, एए जहेच संखेज्जपपसियस्स, नवरं असंखेजगं एवं अहिगं भाणियां, जाव- अहवा दस असंखेज्जपरसिया खंधा भवंति । संखेज्जहा फज्रमाणे एगवओ संबेजा परमाणुषोमाला, एगपत्र असंसेजपरसिए संधे भवति सहवा एगयओ संबेना दुपपसिया संघा, एगयओ अखेपरसिप खंधे भवति पर्व जाव- अहचा एगपत्र संखेजा दसपरसिया संधा, एगयो अपर 1 संए क्रमपडे एक एकनी संख्या वधारवी, याबद्-अथवा एक दशप्रदेशिक स्वत्थ अने एक तरफ नव संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. सं० अथवा दश संख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. सं०. जो तेना संख्यात भागो करवामां आवे तो संख्याता परमाणुपुद्गलो थाय छे. ::::: सं० सं० सं० सं० सं० सं० सं० सं० | सं० सं० सं० सं० सं० सं० सं० सं० सं० , धाप [४०] हे गौतम! नो असंख्यात प्रदे असं०]. ११. [१०] हे भगवन् । असंख्याता परमाणुपुद्रलो एक मळे, अने पछी तेनुं न्याय जो तेना विभाग करीए तो वे, यावत् दश, संख्याता के असंख्याता विभाग धाय. जो वे विभाग करवामां आवे तो एक तरफ एक परमाणुपुद्रल अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कंध होय छे. [] [अ०] याबद्-अथवा एक तरफ दशप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कम्भ होय छे. [:::::] (०) अथवा एक तरफ संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध भने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. सं०] असं०. अथवा बे असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. सं०] [असं]. करवामां आवे तो एक तरफ वे परमाणुपुद्रको अने एक तरफ असंख्यात्प्रदेशिक स्कन्ध होय छे. जो तेना त्रण विभाग असं०] अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे.. | असं०]. यावद्-अथवा एक तरफ परमाणुपुद्गल, एक तरफ दशप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. असं०. अथवा एक तरफ एक परमाणु, एक तरफ संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. सं० अ० अपना असं०. एक तरफ एक परमाणु, अने एक तरफ चे असंख्यातप्रदेशिक कम होय छे. 12 [असं] असं०] अथवा एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ बै असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. असं०] [अ०] ९ प्रमाणे पाच-अपना एक तरफ संख्यातप्रदेशिक सं०] असं०] असं०/- अथवा त्रण असंख्यात प्रदेशात्मक स्कन्धो होय छे. जो तेना चार भाग करवामां आवे तो एक तरफ त्रण परमाणुओं अने एक तरफ एक असंख्यातप्रदेशात्मक स्कन्ध | असं०. ए प्रमाणे चतुष्कसंयोग, यावद् दशकसंयोग जाणवो. अने ए सर्व संख्यात प्रदेशिकनी पेठे जाणवु, परन्तु एक ‘असंख्यात' शब्द अधिक क्रहेवो. यावद्-अथवा दश असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. जो संख्याता विभाग करवामां आवे ए स्कन्ध अने एक तरफ बे असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धो होय छे. असं० [सं०] असं, होय े || छे. तो एक तरफ संख्याता परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ असंख्यातप्रदेशात्मक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ संख्याता द्विप्रदेशिक स्कन्धो भने एक तरफ असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. ए प्रमाणे यावद्-अथवा एक तरफ संख्याता दशप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ एक Jain Education International For Private & Personal Use Only शुमो. www.jainelibrary.org:
SR No.004642
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherDadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
Publication Year
Total Pages422
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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