SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 449
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 398 सुशीलनाममालाय इति श्रीतपोगच्छाधिपति - सूरिचक्रचक्रवत्ति - भारतीयभव्यविभूतिचिरंतनयुगप्रधानकल्प-सर्वतन्त्रस्वतन्त्र-श्रीकदम्बगिरि प्रमुखानेक- प्राचीन तीर्थोद्धारक-पञ्चप्रस्थानमयसूरिमन्त्रसमाराधक-शासन-सम्राट - जगद्गुरुभट्टारकाचार्य महाराजाधिराज - श्रीमद्विजय - नेमिसूरीश्वर - सुप्रसिद्ध पट्टालङ्कार - व्याकरणवाचस्पति-शास्त्र-विशारद-कविरत्न-साहित्यसम्राटसाधिकसप्तलक्षश्लोक प्रमाण नूतन संस्कृत साहित्यसर्जक - परमशासन है प्रभावकाचार्य देवेश - श्रीमद्विजयलावण्यंसूरीश्वर- पट्टधर-व्याकरणरत्न- 1 शास्त्रविशारद-कविदिवाकर-देशनादक्ष - शासनप्रभावकाचार्यदेव - श्रीमद् विजयदक्ष सूरीश्वर * पट्टधर-साहित्यरत्न-शास्त्रविशारद-कविभूषण-पञ्चप्रस्थानमयसूरिमन्त्रसमाराधक-शासनप्रभावकाचार्य श्रीमद् विजयसुशील सूरिणा विरचितायां सुशीलनाममालायांचतुर्थस्तिर्यक विभागः समाप्तः॥४॥
SR No.004481
Book TitleSushil Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1988
Total Pages878
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy