________________ बेंदियमाईण वहे, इंदिअसंखा करेमि निव्वियया। भयकोहाइवसेणं, अलीयवयणम्मि अंबिलयं . // 21 // पढमालियाइ न गिण्हे, घयाइवत्थूण गुरुअदिट्ठाणं / .. दंडगतप्पणगाइ, अदिनगहणे य अंबिलयं // 22 // एगित्थीहिं वत्तं, न करे परिवाडिदाणमवि तासि / इगवरिसारिहमुवहि, ठावे अहिगं न ठावेमि // 23 // .. पत्तग टुप्परगाइ, पन्नरस उवरिं न चेव ठावेमि। . आहाराण चउण्हं, रोगे वि अ संनिहिं न करे न कर // 24 // महारोगे वि अ काढं, न करेमि निसाइ पाणीयं न पिबे। ... सायं दो घडियाणं, मज्जे नीरं न पिबेमि // 25 // अहवा निच्छिअ सूरे, काले नीरं करेमि सायकालं / अणहारोसहसंनिहि,-मवि नो ठावेमि वसहीए // 26 // तवआयारे गिण्हे, अह नियमे कइवए ससत्तीए। ओगाहियं न कप्पइ, छट्ठाइतवं विणा जोगं // 27 // निवियतिगं च अंबिल-दुगं च विणु नो करेमि विगयमहं / विगइदिणे खंडाई-गकार नियमो अ जाजीवं // 28 // निव्विअयाइं न गिण्हे, निव्वियतिगमज्झि विगइदिवसे / / विगई नो गिण्हेमि अ, दुन्नि दिणे कारणं मुत्तुं पथ त्रि दिणे कारणं मत्तं // 29 // अट्ठमीचउद्दसीसुं, करे अहं निव्वियाई तिनेव / अंबिलदुगं च कुव्वे, उववासं वा जहासत्ति // 30 // दव्वखित्ताइगया, दिणे दिणे अभिग्गहा गहेअव्वा। जीयम्मि जओ भणिअं, पच्छित्तमभिग्गहाभावे // 31 // विरियायारनियमे, गिण्हे केइ अवि जहासत्ति / . . दिणपणगाहाइणं, अत्थं गिण्हे मणेण सया . // 32 // सेवा 80