________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // दारुसमं खलु दइवं पडिमातुल्लो अ पुरिसगारो त्ति / दइवेण फलक्खेवे अइप्पसंगो हवे पयडो अह तं विसिट्ठमेवं तेण न दाणाइभेअणुववत्ती। अक्खिवई पुरिसगारं तं नणु अण्णत्थ तुल्लमिणं जह कम्मसंतई इह तह तह परिणामिणि त्ति मण्णंति / तह पुरिसगारधारा जुत्ता परिणामिणी वोत्तुं तम्हा उ दो वि हेऊ अविसेसेणं परोप्परं मिलिआ / मोक्खो वि कम्मजणिओ विभागरूवो जमेयस्स ववहारो पुण एत्थ गुणप्पहाणत्तणेण पविभत्तो / कज्जमिणं दइवकयं एयं पुण पुरिसजणियं ति अहवाभिमाणमत्तं ववहारो णय ण एस तच्चंगं / णियविसयदीवणत्थं इच्छाजणिओ जमभिमाणो तम्हा आणाजोगो अणुसरियव्वो बुहेहिं जं एसो.। कज्जलमिवप्पईवो अणुबंधइ उत्तरं धम्मं . एत्तो उ जोगसुद्धी गंभीरा जोगसंगहेसु सुआ। अज्झप्पबद्धमूला अण्णेहिं वि उवगया किरिया जेण विरहिआ किरिआ तणुगयरेणूवमा तमज्झप्पं / अणुबंधपहाणाउ सुद्धाणाजोगओ लब्भं गंठिम्मि अभिन्नम्मि एसो पुण तत्तओ ण जीवाणं / नाणकलाभावाओ अन्नाणगुणा जओ भणियं वेहपरिणामरहिए न गुणाहाणमिह होइ रयणम्मि / जह तह सुत्ताहाणं न भावओ भिन्नगंठिम्मि इह दव्वसुत्तजोगा पायमसंता य भावओ संता। बालस्स बालभावे जह नाणं जह य तव्विगमे // 54 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //