________________ एएण मीसपरिणामिए उ जं तम्मि तं च दुगजण्णं / दिव्वाउ नवरि भण्णइ निच्छयओ उभयजं सव्वं // 92 // इहराऽणक्खित्तो सो होइ त्ति अहेउओ निओएण / इत्तो तदपरिणामो किंचि तम्मत्तजं न तया // 93 // पुव्वकयं कम्मं चिय चित्तविवागमिह भन्नई दिव्यो / कालाइएहिं तप्पायणं तु तह पुरिसगारु त्ति // 94 // इय समयनीइजोगा इयरेयरसंगया उ जुज्जंति / इह दिव्वपुरिसगारा पहाणगुणभावओ दो वि // 95 // ता बीजपुव्वकालो नेओ भवबालकाल एवेह / इयरो उ धम्मजुव्वणकालो विह लिंगगम्मु त्ति // 96 // पढमे इह पाहनं कालस्सियरम्मि चित्तजोगाणं / वाहिस्सुदयचिकिच्छासमयसमं होइ नायव्वं / // 97 // . बालस्स धूलिगेहातिरमणकिरिया जहा परा भाइ / भवबालस्स वि तस्सत्तिजोगओ तह असक्किरिया // 98 // जुव्वणजुत्तस्स उ भोगरागओ सा न किंची जह चेव / एमेव धम्मरागाऽसक्किरिया धम्मजूणो वि // 99 // इय बीजाइकमेणं जायइ जीवाण सुद्धधम्मु त्ति / जह चंदणस्स गंधो तह- एसो तत्तओ चेव // 100 // // 6 // सद्धर्मविशिका // एसो पुण सम्मत्तं सुहायपरिणामरूवमेवं च / अप्पुव्वकरणसझं चरमुक्कोसट्ठिईखवणे कम्माणि अट्ठ नाणावरणिज्जाईणि हुंति जीवस्स / . तेसिं च ठिई भणिया उक्कोसेणेह समयम्मि // 102 //