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________________ तिन्नि विहत्थी चउरंगुलं च भाणस्स मज्झिम पमाणं / एत्तो हीण जंहनं अइरेगयरं तु उक्कोसं // 792 // इणमन्नं तु पमाणं णिअगाहाराओं होइ निष्फन्नं / कालप्पमाणसिद्धं उअरपमाणेण य वयंति // 793 // उक्कोसतिसामासे दुगाउअद्धाणमागओ साहू / चउरंगुलूण भरिअं जं पज्जत्तं तु साहुस्स // 794 // एवं (यं) चेव पमाणं सविसेसयरं अणुग्गहपवत्तं / कंतारे दुब्भिक्खे रोहगमाईसु भइअव्वं // 795 // वेआवच्चकरो वा णंदीभाणं धरे उवग्गहिअं। सो खलु तस्स विसेसो पमाणजुत्तं तु सेसाणं / // 796 // दिज्जाहि भाणपूरं तु रिद्धिमं कोइ रोहमाईसु।. तहियं तस्सुवओगो सेसं कालं पडिक्कुट्ठो // 797 // पत्ताबंधपमाणं भाणपमाणेण होइ कायव्वं / . जह गंठिम्मि कयम्मी कोणा चतुरंगुला होति / / 798 // पत्तगठवणं तह गोच्छओ अ पायपडिलेहणी चेव।। तिण्हं पि ऊ पमाणं विहत्थि चउरंगुलं चेव // 799 // रयमाइरक्खणट्ठा पत्ताबंधो अ पत्तठवणं च / होइ पमज्जणहेउं तु गोच्छओ भाणवत्थाणं // 800 // पायपमज्जणहेउं केसरिआ इत्थ होइ नायव्वा / पडलसरूवपमाणाइ संपयं संपवक्खामि // 801 // जेहिं सविआ ण दीसइ अंतरिणो तारिसा भवे पडला। तिण्णिं व पंच व सत्त व कयलीपत्तोवमा सुहुमा (लहुया)॥ 802 // गिम्हासु तिन्नि पडला चउरो हेमंत पंच वासासु / उक्कोसगा उ एए एत्तो पुण मज्झिमे वोच्छं // 803 // 510
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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