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________________ पिसुणासझासब्भूयभूयघायाइवयणपणिहाणं / मायाविणोऽतिसंधणपरस्स पच्छनपावस्स. . // 1330 // तह तिव्वकोहलोहाउलस्स भूओवघायणमव (क)ज्ज / परदव्वहरणचित्तं परभोगावायनिरविक्खं // 1331 // सद्दाइविसयसाहणधणसंरक्खणपरायणमणिटुं। सव्वाभिसंकणपरोवघायकलुसाउलं चित्तं // 1332 // इय करणकारणाणु-मइविंसयमणुचिंतणं चउब्भेयं / अविरयदेसासंजय-जणमणसंसेवियमहएणं // 1333 // एयं चउब्विहं रागा-दोसमोहंकियस्स जीवस्स / रुदं झाणं संसार-वड्ढणं नरयगइमूलं // 1334 // कावोयनीलकाला लेसाओ तिन्नि संकिलिट्ठाओ। रुद्दझाणोवगयस्स कम्मपरिणामजणियाओं // 1335 / / लिंगाइ तस्स उस्सन्नबहुलनाणाविहा मरणदोसा / तेसि चिय हिंसाइसु बाहिरकरणोवउत्तस्स // 1336 // परवसणं अभिनिंदइ निरविक्खो निद्दओ निरणुतावो / हरिसिज्जइ कयपावो रुद्दझाणोवगयचित्तो // 1337 // झाणस्स भावणाओ 1 देसं 2 कालं 3 तहासण 4 विसेसं / आलंबणं 5 च कम्मं 6 झायव्वं झेय 7 झायारो 8 // 1338 / / तत्तोऽणुप्पेहाओ 9 लेसा 10 लिंगं 11 फलं च 12 नाऊणं / धम्मं झाइज्ज मुणी तक्कयजोगो तओ सुक्कं // 1339 // पुव्वकयब्भासो भाव-गएहि झाणस्स जुग्गयमुवेइ / ताओ य नाणदंसणचरित्तवेरग्गजणियाओ // 1340 // नाणे निच्चब्भासो कुणइ मणोधारणं विसुद्धिं च / . नाणगुणमुणियसारो तो झाईसु निच्चलमईओ // 1341 // 256
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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