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________________ उवसमसेढिचउक्कं जायइ जीवस्स आभवं नृणं / ता पुण दो एंगभवे खवगस्सेढी पुणो एंगा // 887 // सामाइयं चउद्धा सुंय 1 दंसण 2 देस 3 सव्व 4 भेएहिं / नाणभवे आगरिसा एगभवं पप्प भणियव्वा // 888 // तिण्हं सहसपुहुत्तं सयप्पहुत्तं च होइ विरईए / एगभवे आगरिसा एवइया हुंति नायव्वा // 889 // तिण्हमसंखसहस्सा सहस्सपुहुत्तं च होइ विरईए / नाणभवे आगरिसा एवइया हुंति नायव्वा // 890 // अरिहंतेसु य रागो रागो साहुसु बंभयारीसु / एस पसत्थो रागो अज्ज सरागाण साहूणं // 891 // अरिहं देवो गुरुणो सुसाहुणो जिणमयं महप्पमाणं / / इच्चाइसुहो भावो सम्मत्तं बिंति जगगुरुणो // 892 // सम्मद्दिट्टी जीवो गच्छइ नियमा विमाणवासीसु। जइ न चइयसमत्तो अहव न बद्धाउओ पुव्विं // 893 // जं सक्कइ तं कीरइ जं च न सक्कइ तयं च सद्दहणा / सद्दहमाणो जीवो वच्चइ अयरामरं ठाणं // 894 // एगत्थ सव्वधम्मा लोइयलोउत्तराइणुठाणा / एगत्थ दंसणं खलु न समं होइ तेसिं तु // 895 // संका 1 कंखा 2 य तहा वितिगिच्छा.३ अण्णतिथियपसंसा 4 / परतित्थियाण सेवण 5 मइयारा पंच सम्मत्ते // 896 // सव्वे देसे धम्मे अस्थि नत्थि त्ति संसओ संका / कंखा कुमयभिलासो दयाइगुणलेसदसणओ // 897 // वितिगिच्छा य फलं-पइ संदेहो मलिणयम्मि वि दुगंछा / परतित्थीण पसंसा परिचयकरणं पसंगो य // 898 // 219
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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