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________________ आसायणपरिहारो जिणप्पइकस्स किं पुण जिणाणं / तस्सासायणरूवं पावं पावा कुणंति नरा // 321 // लक्खणजुत्ता पडिमा पासाइया समत्तलंकारा / पल्हायइ जह व मणं तह णिज्जरिसो वियाणाहि // 322 // अजिणे जिणरूवत्तं मिच्छत्तं पालविऊण अवसाणं / कव्वंति ते वि पवयण-वयणमसारं कयं तेहिं // 323 // जम्हा गणहरवयणं जिणाण पडिमा जिणं जिणंदि त्ति / सक्खं अरिहंति त्ति त-प्पुरओराहणा वुत्ता // 324 // सावज्जा निरवज्जा किरिया अज्झप्पजोगओ हुंति / मिच्छत्तपराण पढमा इयराणं होइ इयरा य // 325 // जलगलणदाणविणओ-वयारभेएहिं धम्मजुत्ताणं / आहारविवहारनई-संतरणाइ पवत्ताणं // 326 // आणाविणओ परमं मुक्खंगं पवयणे जओ भणिओ। सव्वत्थ विहियपरमत्थ-सारेहिं परमगुरुएहिं // 327 // चेइयसद्दो रूढो जिणिदपडिमि त्ति अत्थओ दिट्ठो / नो कत्थ वि नाणि त्ति निरुत्तियं चेइसद्दस्स // 328 // चिइ संन्नाणं सन्नि सम्मं नाणं तु चेइयट्ठस्स / / चिणुइपुठिनीणेइ चिइ त्ति अत्थस्स चिइसद्दे // 329 // तम्हा चेइयविणओ सम्मं जो जुंजए प्रसत्थमणे / आसायणा तयंगस्स वज्जणा परमगुणहेऊ // 330 // नामाइयनिक्खेवा सुद्धाऽसुद्धेहिं अट्ठहा चउहा / पढमपए. दुह चउहा विणओ तस्सेव कायव्वो // 331 // तम्हा चेइयदव्वं वुड्डिगयं जिणपयं खु भत्तीए / विहिपुव्वं चिय वुत्तं पभावगं दंसणाईणं // 332 // 171
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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