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________________ पिच्छामु ताव एए केरिसया होंतिमस्स ठाणस्स? / ' जोग्गाण वि पाएणं णिव्वहणं दुक्करं होइ // 1380 // ण य बहुगुणचाएणं थेवगुणपसाहणं बुहजणाणं / ... इ8 कयाइ कज्जं कुसला सुपइट्ठिआरंभा // 1381 // उवगरणं सुद्धेसणमाणजुअं जमुचिअं सकप्पस्स / तं गिण्हइ तयभावे अहागडं जाव उचिअंतु // 1382 // जाए उचिए अ तयं धोसिरइ अहागडं विहाणेण / इअ आणानिरयस्सिह विण्णेअंतं पि तेण समं // 1383 // आणा इत्थ पमाणं विण्णेआ सव्वहा उ परलोए . आराहणाएँ तीए धम्मो बझं पुण निमित्तं // 1384 // उवगरणं उवगारे तीए आराहणस्स वटुंतं / पावइ जहत्थनामं इहरा अहिगरणमो भणिअं // 1385 // परिकम्मं पुण इह इंदियाइविणिअमणभावणा णेआ। तमवायादालोअणविहिणा सम्मं तओ कुणइ // 1386 // इंदिअकसायजोगा विणियमिआ तेण पुव्वमेव णणु / सच्चं तहा वि जयई तज्जय सिद्धि गणेतो उ // 1387 / / इंदिअजोगेहिं तहा णेहऽहिगारो जहा कसाएहि / - एएहि विणा णेए दुहवुड्डीबीअभूआ उ // 1388 // जेण उ ते वि कसाया णो इंदिअजोगविरहओ टुति। तव्विणिअमणं पि तओ तयत्थमेवेत्थ कायव्वं // 1389 // इअ परिकम्मिअभावोऽणब्भत्थं पोरिसाइ तिगुणतवं। . कुणइ छुहाविजयट्ठा गिरिणइसीहेण दिद्रुतो . // 1390 // इक्किक्कं ताव तवं करेइ जह तेण कीरमाणेणं.।. .. हाणी ण होइ जइआ वि होइ छम्मासुवस्सग्गो . // 1391 // 116
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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