________________ अह तु तदंतरमेसा णो तव्विसएण तस्स संबंधो / सिद्धो कंहं ततो णणु तदभावविणिच्छओ एत्थ ? // 120 // अह तुच्छा तीएं कहं तदवगमो सव्वहा असत्तातो ? / सिद्धो य विणाभावो तेण समं तीऍ किं भवतो ? // 121 // तदभावे णावगमो तब्भावे कह ण होति अणुमाणं ? / तब्भावम्मि अ (वे य अ) जुत्तं अणुमाणं अप्पमाणं ति।। 122 // अह अणुमाणविरुद्धादिदोससब्भावतोऽपमाणं तं / णो वत्थुबलपवत्ते ते दोसा दंसियमिदं तु // 123 // अह अणुमाणेणं चिय पडिसेहो णो तयं तुह पमाणं / अप्पमाणम्मि य तम्मी का अत्था णाद (य) वादीणं // 124 // अह परसिद्धणं चिय परपडिवत्तीएँ णत्थि दोसो त्ति / परखग्गेण वि दिट्ठो विणिवादो किं न लोगम्मि ? // 125 // विणिवायकरणसत्तीसब्भावे जुज्जई तओ णियमा / इय पडिवत्तिनिमित्तं च होइ कहमप्पमाणं तं? // 126 // जइ पडिवत्तिणिमित्तं सव्वं माणं ति हंत विसओ वि / पावइ पमाणमेवं इच्छिज्जइ सोवयारेणं // 127 // णिच्छयओ पुण एत्थं पडिवत्ती चेव होइ माणं तु / तीए दोण्ह वि भावे ण तं पमाणं ति वामोहो // 128 // तुल्लाणं वभिचारा तमप्पमाणं ति किन्न पच्चक्खं ? / / तेसिं विसेसभावा इतरेसु वि किं ण सो अत्थि? // 129 // किं च पडिसेहगं तं अणुमाणं ?, अह भवे अणुवलद्धी। पच्चक्खणुमाणेहिं भणियमिहं णणु पबंधेणं // 130 // आगमतो चिय सिद्धो जं उवओगादिलक्खणो जीवो / आहिंडइ संसारं सुव्वइ सव्वण्णुवयणम्मि // 131 // 11