________________ एवं वयपरिणामो धीरोदारगरुओ मुणेयव्वो / सण्णाणसद्दहाणाहि तस्स जं भावओ भावो // 511 // जाणइ उप्पण्णरुई जइ ता दोसा नियत्तई सम्मं / इहरा अपवित्तीय वि अणियत्तो चेव भावेण // 512 // जाणंतो वयभंगे दोसं तह चेव सद्हंतो य / एवं गुणं अभंगे कह धीरो अण्णहा कुणइ ? // 593: / / तुच्छं कज्जं भंगे गरुयमभंगम्मि णियमओ चेव / परमगुरुणो य वयणं इमं ति मइमं ण लंघेइ // 514 // . साहाविओ य वयपरिणामो जीवस्स अण्णहा इयरो। .... एवं एस सरूवेण तत्तओ चितियव्वो त्ति // 515 // वडवद्दे सच्चो खलु वणियसुओ सावगो त्ति विक्खाओ / भाइसमं पारसकुलं गंतुं आगच्छमाणाणं' // 516 // अण्णेहिं समं पासण तिमिगिलस्सा जलोवरिट्ठियस्स / ते मच्छोऽतिमहल्लो भणंति भाया उ. दीवो त्ति . // 517 // सव्वस्सेणं जूयं पडिसेह बलाउ तस्स करणं ति / णिज्जामगग्गिजालण बुड्ड तह कूलउप्पत्ती // 518 // मग्गण विप्पडिवत्ती राउलववहार सक्खिभासणया / मिलिय त्ति निवपरिच्छा पूजा सेट्ठिम्मि जाणणया // 519 // पूजा महंतसेट्ठिम्मि जोग्गया इच्छ आवकहिय त्ति / वीमंसाए मुयणं वाणियगेणं पि रित्थस्स // 520 // दक्षिणमहुरा गोट्ठी एगो सड्ढो त्ति वच्चए कालो। . तत्थन्नया उ पइरिक्क थेरिगेहम्मि मुसणा य // 521 // णो सड्ढे थेरिपायवडण लंछणा मोरवित्तरसएण। . सावगभागागहणं गोट्ठी परिवज्जणा भावो * // 522 // 160