SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 203
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चतुःशरणप्रकीर्णकम् खण्डः-३ 140 अहवा सव्वं चिय वीयरायवयणाणुसारि जं सुकडं / कालत्तए वि तिविहं अणुमोएमो तयं सव्वं / / 58 / / टि. सुगमा / / 58 / / अव. अथवा सर्वमपि वीतरागवचनानुसारेण यद् सुकृतं कालत्रयेऽपि त्रिविधं मनोवाकायैः कृतं तदनुमोदयामः / / 58 / / बाला. अथवा सघलुंइ निश्चयें वीतरागनां वचनने अनुसरतु जे सुकृत कहेतां पुण्य कार्य त्रिणकालनइ विषे पूर्वे जे कीबूं हवडा जे करूं छु आगलि जे करीस मने वचने कायाइ जे की— अनुमोदूं छु ते हुं सर्व / / 58 / / एतले ‘अरिहंत' इहांथी त्रिण गाथाइं पुन्य अनुमोदनानुं द्वार पूरु थयुं / सुहपरिणामो निञ्चं, चउसरणगमाइ आयरं जीवो / . कुसलपयडीओ बंधइ, बद्धाउ सुहाणुबंधाओ / / 59 / / मंदणुभावा बद्धा तिव्वणुभावाओ कुणइ ता चेव / / असुहाओ निरणुबंधाओ, कुणइ तिव्वाओ मंदाओ / / 60 / / टि. नित्यं चतुःशरणगमनादि आचरन् जीवः साधुप्रभृतिकः / बद्धाः प्रकृतीः विशिष्टा___ध्यवसायवशात् शुभानुबन्धाः शुभोत्तरकालफलविपाकाः करोति / / 59 / / ता एव कुशलप्रकृतयः मन्दरसाः तु पुनः पूर्वबद्धाऽशुभाः / पापप्रकृतीः निरनुबन्धास्त द्विपाकजन्यदुःखरहिताः करोति / / 60 / / . . अव. शुभपरिणामः सन् चतुःशरणमाचरन् समाचरन् जीवो नित्यं कुशलप्रकृतीर्बध्नाति / तासां कुशलप्रकृतीनां बद्धानामनुबन्धो रसः शुभः करोति / / 59 / / ता चेव ताश्चैव कुशलप्रकृतयो मन्दानुभावबद्धा तीव्रानुभावाः करोति। अशुभपापप्रकृतीर्मन्दानुभावबद्धा निरनुबन्धाः करोति / तीव्रानुभावबद्धा मन्दाः करोति जीवः शरणेन / / 6 / / बाला. हवै त्रिण गाथाइं चउसरणनो महिमा वर्णवे छै / भलो आतमानो परिणाम थाइ नित्यै सदाई च्यारसरणनुं करवू पाप, निदवू पुण्यनूं अनुमोदवू इत्यादिक आदरतो भव्य जीव तीर्थंकरनाम उच्चैर्गोत्र इत्यादिक शुभ कर्मनी प्रकृति उपराजै / अनि जे शुभ कर्म प्रकृति बांधि छै तेहनो शुभरस वधारइ / लीबडाना रस मांहिं पाणी भेलतां जिम लीबडानां मंद रस थाइ तिम अशुभ प्रकृतिनो शुभ परिणामई करी मंद रस थाइ / / 59 / /
SR No.004445
Book TitleAgam Chatusharan Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKirtiyashsuri
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_chatusharan
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy