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________________ कटि चक्रासन कटि चक्रासन 1 कटि चक्रासन 1 विधि पैरों के बीच 2-3 फुट का फासला छोड़कर खड़े हो जाइए। नाभि के सामने अपनी अंगुलियों को आपस में फँसा कर रखिये / भुजाओं को सिर के ऊपर उठाइये और कलाइयों को घुमाकर हथेलियों को ऊपर की ओर पलट दीजिये। कमर से आगे की ओर झुकते हुए समकोण बनाइये / पीठ को सीधी रखते हुए हाथों पर दृष्टि रखिये / धीरे - धीरे धड़ को दायीं तरफ घुमाइये / तत्पश्चात् बिल्कुल बायीं ओर घूम जाइये और फिर पूर्ण दायीं ओर की स्थिति में लौट आइये / इसे 4 बार दुहराइये / सास. .. भुजाओं को उठाते समय, दायें घूमते समय तथा सिर के ऊपर हाथ वाली स्थिति में लौटते समय श्वास लीजिये / शरीर को झुकाते समय, बायीं ओर घूमते हुए तथा भुजाओं को नीचे 1 करते समय श्वास छोड़िये / इस अभ्यास को 5 बार कीजिये /
SR No.004406
Book TitleAasan Pranayam Mudra Bandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyanand Sarasvati
PublisherBihar Yog Vidyalay
Publication Year2004
Total Pages440
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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