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________________ मावप्ररूपणम् [16 - उदइयं मणुयत्तं, खाओवसमियाइं इंदियाइं, पारिणामियं जीवत्तं, एस तिगजोगो 1 एकोः अन्ने तिगजोगा नेरइयतिरिक्खदेवत्तणे पक्खित्ते मणुयत्ते उस्सारिए होति / गइभेएण चत्तारि तिगजोगा / तहा एए उदइयखाओवसमियपरिणामियभेया खइयसम्मत्तेण चउजोगो / सो वि चउगइभेएण चत्तारि चउजोगा / अहवा खाइयं उस्सारिय उवसमसम्मत्तेण पक्खित्तेण चउजोगो 3 / ते वि गइचउक्कमेएण चत्तारि चउजोगा / एवं सव्वे बारस होति // 55 // एकेको उवसमसेढिसिद्धकेवलिसु एवमविरुद्धा / पन्नरस मनिवाइयभेया वीसं असंभविणो // 56 // उपसमिय-खाइय-खाओवसमिय-ओदइय-पारिणामिएहिं पणजोगे उवसमसेढीए भंगेको मणुस्साणं 1 / खाइय-पारिणामिएहिं दुगजोगे भंगेको य सिद्धाणं 2 / खाइय-ओदइय-पारिणामिएहिं तिगजोगे भंगेको केवलीणं 3 / एवं एए भंगा संभविया पुवुत्ता भंगा बारस उवसमसेदि-सिद्ध-केवलिभंगा तिन्नि 3 / एवं सनिवाइगभावे पण्णरस भंगा। वीसं असंभविया / ते य इमेउपसमियं खाइयं.१, उवसमियं खाओवसमियं 2, उपसमियं उदइयं 3, उवसमियं पारिणामियं 4, खाइयं खाओवसमियं 5, खाइयं उदइयं 6, खाइयं परिणामियं, (1) सिद्धभंगोः उव. समिथं उदइयं 7, खाओवसमियं पारिणामियं 8, उदइयं पारिणामियं 9 दुगजोगे नव भंगा, असंभवियाः उपसमियं खाइयं खाओवसमियं 1, उपसमियं खाइयं ओदइयं 2, उपसमियं खाइयं पारिणामियं 3. उवसमियं खाओवसमियं उदइयं 4, उवसमियं खाओवसमं पारिणामियं 5, उपसमियं उदइयं पारिणामियं 6, खाइयं खाओवसमियं उदइयं 7, खाइयं खाओवसमं पारिणामियं 8, तिगजोगे अट्ठ असंभविया / खाइयं उदइयं पारिणामियं (2) केवलिभंगो सुद्धो, खाओवसमियं उदइयं पारिणामियं (3) गइचउकभंगो 4, एवं तिगजोगे भंगा अट्ठ असंभविया, उवसमियं खाइयं खओवसमियं उदइयं 1, उपसमियं खाइयं खामोवसमियं पारिणामियं 2, उपसमियं खाइयं उदइयं पारिणामियं 3, उपसमियं खाओवसमियं उदइयं पारेणामियं (4) गइचउक्कभंगो 4, खाइयं खाओवसमं उदइयं पारिणामियं (5) गइचउक्कभंगो 4 / एवं चउक्कजोगे तिनि असंभविया / सव्वे वि वीसं असंभविया / उपसमियं खाइयं खाओवसमियं उदइयं पारिणामियं (6) उवसमसेढिभंगो / एवं भंगा 26 / संभंविया भंगा 6 / असंभविया भंगा 20 // 56 // इयाणि संभविणो जे छभंगा ते विसेसओ दंसेइ दुगजोगो सिद्धाणं केवलिसंसारियाण तिगजोगो। चउजोगजुयं चउसु वि गईसु मणुयाण पणजोगो // 57 //
SR No.004404
Book TitleKarmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVeershekharvijay
PublisherBharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
Publication Year1974
Total Pages716
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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