________________ 38] सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे करणं पइत्ति जोगी मणमाईणि उ हवंति करणाई / सञ्चखओ दुण्हं पि हु करणं पइ तेण अविगप्पो // 221 / / (271) [253] जीवस्थानेषु दर्शनावरणीयस्य बन्धोदयसत्तास्थानमङ्गाःतेरे नव चउ पणगं नपंसएगम्मि भंग 'मेक्कारा / वेयणियाउं गोए विभन्न मोहं परं वोच्छं ॥सू.-३५॥ (272) [254] नवबंधं नवसंतं चउपण उदयम्मि दंसणावरणे / *तेरससु आइमेसु सण्णी पुव्वुत्त एक्कारा // 222 / / (273) [255] "ठवणा | बंधठाणा | बंधठाणा | 6 | 6 | 4 | 4 | 4 | deg | उदयठाणा| 4 . . . . . . . | 4 || | सत्ताठाणा . . . | 9 | | 6 | 4 | जीवस्थानेषु वेदनीयगोत्रयोबन्धादिस्थानानां मङ्गाःपजत्तगसनियरे अट्ठ चउक्कं च वेयणियभंगा / सत्तग तिगं च गोए पत्तेयं जीवठाणेसु / / सूत्रम्-०॥ (274) [256] ठवणा [o / अ. अ. सा- सा उदओ अ- | सा- अ० सा-। अ- अ. सा. सा. अ. सासा० य० सा० य० सा० | य० सा | य० पढमा दुग तह तुरिओ गोए वेयणियभंगचत्तारि / .. तेरससु आइमेसु सन्नीपज्जत्ति पुव्वुत्ता // 223 / / (275) [257] "तेरससु जीवठाणेसु ठवणा | बंध० नी. नी. | उच्च. | उदय० नी. नी. नी. सत्ता नी | 2 | 2 1 "मिक्कारा" इति L. D. प्रतौ। 2 वेयणियाउय गोए" इति L. D. प्रतौ / 3 "तेरससु पि इमासु" इति L D. प्रतौ। 4 इक्कारा" इति L. D. प्रतौ / 5-6-7 इदं यन्त्रं L. D. प्रतावस्ति, J. प्रतिप्रेसकोप्यां नास्ति /