________________ मागणास्थानेषूपयोगा नयविशेषेण योगत्रये गुणस्थाना-जीवस्थानो-पयोग योगसत्कमतान्तराणि च [ 16 उवोगा, अन्नाणतिगं अचखुदंसणं चक्षुदंसणं च / एए चेव विभंगनाणं विण असण्णिस्स चत्तारि उवओगा / / 48 // मणनाणचक्खुरहिया दस उ अणाहारगेसु उवओगा / इय गइयाइसु नयमयनाणत्तमिणं तु जोगेसु // 49 // (राम०) मणपज्जवनाणचखुदंसणरहिया अणाहारे दस उवओगा। जओ नाणतिगं अचवखुदंसणं ओहिदंसणं च अविरयसम्मदिद्विस्स विग्गहगईए, अचक्खुदंसणं अन्नाणतिगं मिच्छद्दिहिस्स विग्गहगईए लगभइ / नणु विभंगनाणस्स अपजत्ते निसेहो दीसइ, कहं 1 एत्थ तं भणियं / भन्नइ-"विभंगस्स भवट्ठि'' इइ क्यगाओ भणियविवाहपन्नत्तिमएण / जओ तत्थ वुत्त"अवहिं वा विभंग वा अविग्गहे लठमई"त्ति वयणाओ न दोसो केवलदुगं केवलिसनुग्धाते तइयचउत्थ पंचमसमएसु लब्भइ / एवं अणाहारगस्स दस उवओगा | इय भणियपयारेण गइयाइएसु उवओगा मग्गिया // 46 // इयाणि पुण नयमएण मयंतरेण नाणत्त इमं वक्खमाणं जोगेसु दट्ठव्वं / तमेव दंसेइतणुवइमणेसु कमसो दुचउतिपंचा दुअट्ठचउचउरो। तेरसदुबारतेरस गुणजीवुवओगजोगत्ति // 50 // (राम०) कायजोगे दो गुणट्ठाणा-मिच्छद्दिट्ठी सासायणो य / चत्तारि जीवट्ठाणासुहुमबायरएगिदिया पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य / तिन्नि उवओगा-मइअन्नाणं सुयअन्नाणं अचरबुदसणं च / पश्च जोगा-कम्मणं ओरालियदुगं वेउव्वियदुगं च, वाउकाइए पडुच्चा जओ कायजोगस्स विवक्खा कया एगस्स / दारं / वइजोगे दो गुणट्ठाणा-मिच्छद्दिट्ठी सासायणो य / अट्ठ जीवट्ठाणा-बेइंदिय-तेहंदिय-चउरिदिय असनिपंचिंदिया अपज्जत्तगा पज्जत्तगा य / एए चत्तारि वि अपज्जत्तगा करणेण चेव दट्ठव्वा / न उण लद्धीए / एवं अट्ठ जीवट्ठाणा / चत्तारि उवओगादो दंसणा दो अन्नाणा / एवं चत्तारि जोगा-कम्मइगं ओरालियदुगं असच्चमोसमासा य / एसा बइजोगस्स विवक्खा कया / दारं / मणजोगे तेरस गुणट्ठाणाअजोगि विणा / दो जीवट्ठाणा-एगो सण्गी पज्जत्तगो, बीओ सो चेव करणअपज्जत्तगो लद्धीए पज्जत्तगो गहिओ। उवओगा बारस वि / जोगा तेरस-कम्मइगओरालियमीसरहिया। कहं 1 केवलिस्स दव्वमणाअविवक्खाओ / एवं मणवइकायविवक्खा कया / मणजोगो वइजोगो करणअपज्जत्तगाण कहं ? भण्णइ-भाविनि भतवद् उपचारात् // 50 // इयाणि लेसामग्गणा भण्णइ / ताओ पुण मग्गणट्ठाणमजके नि भणियाओ। संपयं तेसि चेव मग्गिज्जंति /