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________________ 185 7 270 150 627 586 719 - पद्यानि पृष्ठाङ्काः पद्यानि पृष्ठाङ्का उभौ यदि व्योनि पृथक एक पहरुब्बाअं . प्रवाहा एक्विहिं अच्छिहिं सावण उमौ रम्भास्तम्भौ एकोणमिअभुअभंगे उमा वधूभवान्दाता | ऐको वि कालसारो उम्मूलिआण खुलिआ एतदालोक्य लोलाक्षि उरल्लिअवइ कारिलाई 451 एतदास्यं विना हास्यं उरुगुं धुगुरुं युत्सु एतानि निःसहतनोरसमजउल्लाअइसे अंग ऐतां पश्य पुरःस्थलीमिह 606 उव्वहइ णवतणंकुर एन्तोवि ण सच्चविओ 372 उव्वहइ दइअगहियाह एहहमेत्तत्थणिआ 193 एमेअ अकअउण्णा 615 एक इह जीवलोके एवंवादिनि देवर्षों एक एव हि भूतात्मा 404 ऐष राजा यदा लक्ष्मी ऍकचको रथो यन्ता | एषा प्रवासं कथमप्यतीत्य / 506 एकत्रासनसंगतिः परिहृता / 698 एंषा मनो मे प्रसभं शरीरात् 674 एकस्मिन् शयने मया मय एण्यत्युत्सुकमागते 577 680 एकान्ते विजने रात्रा एहिह पिओ त्ति निमिसं एकेनार्क प्रविततरुषा एंहिइ सो वि पउत्थो ऐह्येहि वत्स रघुनन्दन ऐको दाशरथिः कामं 68, 708 एको नेता क्षत्रियो वा द्विजो 171 ऐन्दवादर्चिषः कामी 137 ., 1. शिशुपा० 3.8. 2. कुमार० 6.82. ३.सेतु० 6.81. 4. गा० 1. गा० स० 1.86. 2. गा०स० स० 6.77. ' 5. वाक्पतिकवेगौंडवहो- 1-25. 3. धनिकस्य दशरूपके 2.9. माग्नि प्राकृतकाव्ये 6.90. 6. ब्रह्म- 4. कुमार० 6-84. 5. काव्या०१-५३. बिन्दूपनिषद् 12. 7. काव्याद० २.६.मालती० 10.12. 7. विक्रमो० 1. 328. 8. अमरु० 1.18. 9. रघु० | १९.८.गा०स०१-१७. 9. महावी. 12-45....... ............. '1.46. 10. काव्याद० , 3.183. ..काव्यात. काम 342
SR No.004397
Book TitleSarasvatikanthabharanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhareshvar Bhojdev, Kedarnath Sharma, Vasudev L Shastri
PublisherPandurang Jawaji
Publication Year1934
Total Pages894
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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