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________________ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 435 जीतमल, सुरतानमल, पुखराज, पारसमल, सरूपजी . के बेटों पोतों ने लिया / 3601) रुपया में मण्डप पर कलश (इंडा) चढाने का आदेश सा० गणेशमल, हरखचंद, भीमराज, जोइतमल, घेवरचंद, मीठालाल, भणशाली सुरताजी के बेटों पोतों ने लिया। 1201) रुपया में दंड चढाने का आदेश मुंहता मिश्रीमल, शिवराज, फूलचंद, नेणमल, बंदा मुंहता मेघाजी के बेटों पोतोंने लिया / . 801) रुपया में श्रीऋषभदेवजी की दाहिनी (जीमणी) सरफ जिनबिम्ब स्थापन करने का आदेश सा० हिम्मतमल, हजारीमल, भानमल, लक्ष्मीचंद, घेव रचंद, सा० रायचंदजी के बेटों पोतेोंने लिया। 951) रुपया में श्रीऋषभदेवजी की बायी (डावी) तरफ जिनविम्ब स्थापन करने का आदेश मुंहता तिलोकचंद, लखमीचंद, मुंहता जुहारमलजी के बेटों पोतों ने लिया। 825) एक अधिक जिनबिम्ब स्थापन करने का आदेश श्री रेषतडानिवासी सा० सरूपजी, रिखबदास, सा० परखाजी के बेटों पोतों ने लिया।
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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