SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 188
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 169 ब्रह्मा का मंदिर चारों दिशा में और चंडिका का मंदिर सर्व दिशाओं में छोडना चाहिये। जिन मंदिर के सामने और दाहिनी (जीमणी) तर्फ और शिवमंदिर के पीछे या बाये भाग में रहना कल्याणकारी है। .. गांव के ईशान कोने में घर बनाना अच्छा नहीं, बनावे तो गृहस्थ को बड़ी मुसीबतें उठानी पडती हैं। ___घर बनाते या लेते वक्त वहां के पडौसी से किसी तरह का टंटा या तकरार करना न चाहिये / ___ जिनमंदिर की ईट पत्थर विगैरह कुछ भी चीज घर में न डालनी चाहिये, तथा दूसरे भी किसी देवस्थान की, कूए की, वाव की, मठ की, स्मशान की और राजमंदिर की इंट पत्थर या लकडी कोई भी चीज घर में न डाले, कारण वे चीजें घर में विरोध उत्पन्न करती हैं। पत्थर के घर में लकडे का थंभा और लकडे के घर में पत्थर का थंभा लगाना अच्छा नहीं। ... बिलकुल हलका लकडा, कोल्हु का (घाणीका) लकडा, गाडीका, अरहटका, चरखे का, कांटेवाले वृक्ष का, पांच उदुंबर (उमरा)का और थोहर का लकडा घर में न लगावे। ___ घर में बीजोरा, केला, दाडिम, बोरडी, जंबीरी, हलइ, इमली और धत्तूरा न होना चाहिये, ये ही वृक्ष पडोस में लगेहों और उन की जड अपने घर नीचे आवे तो भी अशुभ समझनी चाहिये / तथा इन वृक्षों की छाया भी पडे तो कुल का नाश करे।
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy