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________________ 1186 अनंगपविट्ठसुत्ताणि हाणाई, सलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाई,पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकु लपञ्चायाईओ, पुणबोहिलाभा, अंतकिरियाओ य आधविज्जंति, दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ मं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई, एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवक्खाइयासयाई, एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइयउवक्खाइयासयाई, एवामेव सपुव्वावरेणं अधुट्ठाओ कहाणगकोडीओ वंतित्ति समक्खायं / णायाधम्मकहाणं परित्ता वायणा, संखिजा अणुओगदारा; संखिजा वेढा, संखिजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ,संखिजाओ संगहणीओ,संखिजाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्टयाए छठे अंगे, दो सुयक्खधा,एगूणवीसं अज्झयणा, एगूणवीसं उद्देतणकाला, एगूणवीसं समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्अंति,पण्णविज्नति, परूविज्नंति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जति, उवदंसिज्नंति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ / सेत्तं णायाधम्मकहाओ 6 // 51 // से किं तं उवासगदसाओ ? उवासगदसासु णं समणोवासयाणं णगराई, उजाणाई, चेहयाई, वणसण्डाई समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिचाया, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, सीलबयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासपडिवजणया, पडिमाओ, उबसग्गा, संलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकुलपञ्चायाईओ, पुणबोहि. लाभा, अंतकिरियाओ य आघविज्जति / उवासगदसाणं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्ठयाए सत्तमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, दस उद्देसणकाला, दस समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अगंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णवि. ज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जंति, गिदंसिज्जंति, उवदंसिज्नति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ / सेत्तं उवासगदसाओ७ // 52 // से किं तं अंतगडदसाओ ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं णगराई, उजाणाई, चेइयाई वणसण्डाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इढिविसेसा, भोगपरिच्चागा, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा,
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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