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________________ .926 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जो खलु णिगंथो वा णिगंथी वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं असंसटुं संसटुं करेइ करेंतं वा साइजइ, से दुहओ वीइक्कममाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 16 // सागारियस्स आहडिया सागांरिएण पडिग्गहिया तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 17 // सागारियस्स आहडिया सागारिएण अपडिग्गहिया, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 18 // सागारियस्स णीहडिया परेण अपडिग्गहिया, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए / सागारियस्स णीहडिया परेण पडिग्गहिया, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 19 // सागारियस्स. अंसियाओ अविभत्ताओ अव्वोच्छिण्णाओ अव्वोगडाओ अणिज्जूढ़ाओ, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिसाहित्तए। सागारियस्स, अंसियाओ विभत्ताओ वोच्छिण्णाओ. वोगडीओ णिज्जूढ़ाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 20 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिढे पडिहारिए, तं सागारिओ देइ, सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए, णो से कप्पह पडिगाहित्तए // 21 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्टिए णिसिट्टे पडिहारिए, तं णो सागारिओ देइ, णो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देह, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 22 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिढे अपडिहारिए, तं सागारिओ देइ, सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 23 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिटे अपडिहारिए, तं णो सागारिओ देइ, णो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देइ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 24 // कप्पइ णिगंथाण वा णिगंथीण वा इमाइं पंच वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा-जंगिए भंगिए साणए पोत्तए तिरीडपट्टे णाम पंचमे // 25 // कप्पई. जिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इमाइं पंच रयहरणाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा-उण्णिए उट्टिए साणए वच्चाचिप्पए मुंजचिप्पए णामं पंचमे // 26 // त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे बिइओ उद्देसओ समत्तो // 2 //
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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