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________________ 544 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जीवे कइ कम्मपगडीओ बंधइ ! गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अविहबंधए वा छबिहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा / एवं मणूसे वि भाणियव्वे / पाणाइ. वायविरया णं भंते ! जीवा कइ कम्मपगडीओ बंधति ? गोयमा! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य 1, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अह. विहबंधए य 2, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य 3, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधए य 4, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगा य 5, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधए य 6, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगा य 7, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधए य छव्विहबंधए य 1, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अहविहबंधए य छविहबंधगा य 2, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविहबंधए य 3, अहया सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविहबंधगा य 4, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य अबंधए य 1, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधए य अबंधगा य 2, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधए य 3, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधगा य 4 / अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविबंधए य अबंधए य 1 अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छन्विहबंधए य अबंधगा य 2, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगा य अबंधए य 3, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छविहबंधगा य अबंधगा य 4 / अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छविहबंधए य अबंधए य 1, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठ. विहबंधए य छविहबंधए य अबंधगा य 2, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधगा य अबंधए य 3, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधगा य अबंधगा य, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविहबंधगे य अबंधए य 5, अहवा सत्तः विहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छविहबंधए य अबंधगा य 6, अहवा सत्सविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधए य 7, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविह
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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