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________________ पण्णवणासुत्तं प०५ 413 पुच्छा / गोयमा ! अगंता पजवा पण्णत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ० 1 गोयमा ! जहण्योगाहणए दुपए सिए खंधे जहण्णोगाहणस्स दुपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुले,ओगाहणट्ठयाए तुल्ले,ठिईए चउट्ठाणवडिए,कालवण्णपजवेहिं छट्ठाणवडिए,सेसवण्णगंधरसपजवेहिं छट्ठाणवडिए,सीयउसिणणिद्धलुक्खफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, से तेण?णं गोयमा! एवं वुच्चइ-'जहण्णोगाहणगाणं दुपए सियाणं पोग्गलाणं अणंता पजवा पण्णत्ता' / उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव। अजहण्णमणुक्कोसोगाहणओ णस्थि / जहण्णोगाहणयाणं भंते ! तिपएसियाणं पुच्छा / गोयमा ! अणंता पजवा पण्णत्ता / से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ०१ गोयमा! जहा दुपएसिए जहण्णोगाहणए, उकोसोगाहणए वि एवं चेव, एवं अजहण्णमणुक्कोसोगाहणए वि / जहण्णोगाहणयाणं भंते ! चउपएसियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहा जहण्णोगाहणए दुपए सिए तहा जहण्णोगाहणए चउम्पएसिए, एवं जहा उक्कोसोगाहणए दुपएसिए तहा उक्कोसोगाहणए चउम्पए सिए वि / एवं अजहण्णमणुक्कोसोगाहणए वि चउप्पएसिए, णवरं ओगाहण?याए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए / जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए / एवं जाव दसपएसिए णेयव्वं, णवरं अजहण्णुक्कोसोगाहणए पएसपरिवुड्डी कायव्या जाव दसपएसियस्स सत्त पएसा परिवट्टिजति / जहण्णोगाहणगाणं भंते ! संखेजपएसियाणं पुच्छा / गोयमा ! अणंता पजवा पण्णत्ता / से केण?णं भंते! एवं वुच्चइ 01 गोयमा! जहण्णोगाहणए संखेजपएसिए जहण्णोगाहणगस्स संखेजपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए दुट्टाणवडिए, ओगाहणट्टयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइचउफासपजवेहि यछट्ठाणवडिए / एवं उक्कोसोगाहणए वि / अजहण्णमणुकोसोगाहणए वि एवं चेव, णवरं सट्ठाणे दुट्टाणवडिए / जहण्णोगाहणगाणं भंते ! असंखिजपएसियाणं पुच्छा / गोयमा! अणंता पजवा पण्णत्ता / से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० 1 गोयमा! जहण्णोगाहणए असंखिजपएसिए खंधे जहण्णोगाहणगस्स असंखिजपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए चउठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लफासेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसोगाहणए वि / अजहण्णमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, णवरं सट्ठाणे चउहाणवडिए / जहण्णोगाहणगाणं भंते ! अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा! अणंता पजवा पण्णत्ता / से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ० 1 गोयमा! जहण्णोगाहणए अणंतपएसिए खंधे जहण्णोगाहणस्स अणंतपएसियस्स खंधस्स दव्वद्र्याए तुल्ले, पएसट्टयाए
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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