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________________ जीवाजीवाभिगमे प०३ 223 कुसुमेणं मुक्कपुष्फपुजोवयारकलियं करेइ 2 ता चंदप्पभवइरवेरुलिय विमलदंडं कंचणमणिरयणभत्तिचित्तं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवगंधुत्तमाणुविद्धं धूमवटि विणिम्मुयंतं वेरुलियामयं कड्डुच्छुयं पग्गहित्तु पयत्तेण धूवं दाऊण जिणवराणं अट्ठसय-विसुद्ध-गंधजुत्तेहिं महावित्तेहिं अत्थजुत्तेहिं अपुणरुत्तेहिं संथुणइ 2 त्ता सत्तट्ठपयाई ओसरइ सतट्ठपयाई ओसरित्ता वामं जाणुं अंचेइ 2 त्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि णिवाडेइ तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि णमेइ णमित्ता ईसिं पच्चुण्णमइ 2 त्ता कडयतुडियyभियाओ भुयाओ पडिसाहरइ 2 त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासी-णमोऽत्थुणं अरिहंताणं भगवंताणं जाव सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्ताणं त्तिकटु वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव सिद्धायतणस्स बहुमज्झदेसभाए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता दिव्वाए उदगधाराए अन्मुक्खइ 2 त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलेणं मंडलं आलिहइ 2 त्ता चच्चए दलयइ चच्चए दलयित्ता कयग्गाहग्गहिय करतलपन्भट्ठविमुक्केणं दसद्धवण्णेणं कुसुमेणं मुक्कपुष्फपुंजोवयारकलियं करेइ 2 त्ता धूवं दलयइ 2 त्ता जेणेव सिद्धायतणस्स दाहिणिल्ले दारे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता लोमहत्थगं गेण्हइ 2 त्ता दारचेडीओ य सालिभंजियाओ य वालरुवए य लोमहत्थएणं पमजइ 2 बहुमज्झदेसभाए सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलेणं अणुलिंपइ 2 त्ता चच्चए दलयइ २त्ता पुष्फारुहणं जाव आहरणारुहणं करेइ 2 आसत्तोसत्तविउल जाव मल्लदामकलावं करेइ 2 त्ता कयग्गाहग्गहिय जाव पुंजोवयारकलियं करेइ रत्ता धूवं दलयइ 2 त्ता जेणेव मुहमंडवस्स बहुमज्झदेसभाए तेणेव उवागच्छइ 2 ता बहुमज्झदेसभाए लोमहत्थेणं पमजइ 2 त्ता दिव्वाए उदगधाराए अब्भुक्खेइ 2 सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलेणं मंडलगं आलिहइ 2 चच्चए दलयइ 2 कयग्गाह जाव धूवं दलयइ रत्ता जेणेव मुहमंडवस्स पञ्चथिमिल्ले दारे तेणेव उवा० लोमहत्थगं गेण्हइ 2 दारचेडीओ य सालभंजियाओ य वालरुवए य लोमहत्थएणं पमजइ 2 दिव्वाए उदगधाराए अब्भुक्खेइ 2 सरसेणं गोसीसचंदणेणं जाव चच्चए दलयइ 2 आसत्तोसत्त० कयग्गाह० धूवं दलयइ 2 जेणेव मुहमंडवगस्स उत्तरिल्ला णं खंभपंती तेणेव उवागच्छइ 2 लोमहत्थगं परा० सालभंजियाओ दिव्वाए उदगधाराए सरसेणं गोसीसचंदणेणं पुप्फारुहणं जाव आसत्तोसत्त० कयग्गाह० धूवं दलयइ जेणेव मुहमंडवस्स पुरथिमिल्ले दारे तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव दारस्स अच्चणिया जेणेव
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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