________________ स्थितकल्पः [229] गच्छाणुकंपयाए सुत्तत्थविसारए य आयरिए। आगाढे पढमसंजतो ओवग्गहिए पकप्पदुए // 2055 // गच्छो जदि हीरेजा आयरियं वा विवायए कोई / एरिसए आगाढे जस्स उजा होति लद्धी उ // 2056 // सो तं मा पणदेती पढमणियंठो पुलागलद्धीओ। गच्छोवग्गहहेउं कारण पकप्पठिअणुण्णा // 2057 // दुपए त्ति साहुसाहुणि तदट्ठहेउं तु एव मूलगुणे। भणिता सेवा एसा सीसो पुच्छति उ अह इणमो॥ जह कारणमि भणिया मूलगुणेसुं तु एव पडिसेवा। तह होज्ज कारणंमी पडिसेवा उत्तरगुणे वि // 2059 // गुरुयतरएसु एवं मूलगुणेसुं तु जदि भवेऽणुण्णा / उत्तरगुणेसु तत्तो लहुयतरेसुं ततोऽणुण्णा // 2060 // ठियकप्पेसो भणितो अहुणा वोच्छामि अट्ठियं कप्पं / संखेवपिंडियत्थं जह भणियमणंतनाणीहिं // 2061 // वत्थे पायग्गहणे उक्कोसजहन्नगंमि अठिओ तु / ठियमट्टिते विसेसो परूवितो संपकप्पमि // 2062 // वत्थाणि य पाताणि य मज्झिमतित्थंकराण कप्पमि। बहुमोल्लाण वि गेण्हति अठियकप्पो समक्खाओ / /